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मेन रोड से दिख सके रेस्त्रां, सीपीए के ग्रीन बेल्ट में पेड़ काट दिए, फेंसिंग उखाड़ी

locationभोपालPublished: Dec 25, 2018 02:02:24 am

Submitted by:

Ram kailash napit

अरेरा जैसी पॉश कॉलोनी में आवासीय में व्यवसायिक गतिविधियों और हरियाली की बिना अनुमति कटाई पर कोई रोक नहीं

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Cut trees in the green belt

भोपाल. 1100 क्वार्टर हनुमान मंदिर के सामने की लाइन में एचएक्स ई-7 एक्सटेंशन। यहां मेन रोड के पास सीपीए का विकसित किया करीब पांच मीटर चौड़ा पेड़-पौधों से भरा ग्रीन बेल्ट है। तार की फेंसिंग से इसे सुरक्षित किया गया है। इसके पास सर्विस रोड है और आसपास हाइप्रोफाइल लोग रहते हैं। 80 फीसदी लोग प्रशासनिक सेवा, न्यायिक सेवा और एक तो एयर मार्शल का घर भी। बावजूद इसी लाइन के एक आवासीय भवन में रेस्त्रां शुरू किया गया और इसके संचालक ने सामने सीपीए की इस ग्रीन बेल्ट को जमकर नुकसान पहुंचाया। बड़े पेड़ जिसमें अशोक पेड़ शामिल है पूरा छांट दिया, तमाम पौधे काट दिए। यहां तक कि इन पेड़-पौधों को सुरक्षित रखने वाली फेंसिंग उखाड़ दी, ताकि मेन रोड से उसके रेस्त्रां की विजिबिलिटी बेहतर हो जाए। मेन रोड की और वाले भाग में अभी फेंसिंग बाकी है, लेकिन अंदर सर्विस रोड के यहां फेंसिंग काट दी गई है।

पेड़-पौधों और सीपीए की फेंसिंग की अवैध कटाई के खिलाफ यहां के हाइप्रोफाइल रहवासियों ने आवाज बुलंद की। नगर निगम से लेकर सीपीए के अधिकारियों को जानकारी दी, लेकिन हैरत कि इनकी भी नहीं सुनी गई। अब ये लिखिततौर पर निगम व सीपीए के साथ एनजीटी को आवेदन देने वाले हैं ताकि क्षेत्र की हरियाली को बचाया जा सके और आवासीय क्षेत्र में इस तरह की व्यवसायिक गतिविधियों पर रोक लगे।
ई-1 से ई-7 तक 70 शिकायतें, कार्रवाई नहीं
स्थिति ये हैं कि सीपीए की फेंसिंग और पेड़ काटने की ई-1 से ई-7 तक बीते छह माह में 70 शिकायतें सीपीए तक पहुंची। हैरत ये हैं कि इनमें से एक पर भी पुख्ता कार्रवाई नहीं की गई। ई-7 में ही इस तरह के 20 मामले हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि सभी शिकायतकर्ता हाइप्रोफाइल हैं।
516 स्थानों पर व्यवसायिक गतिविधियां
जोन नौ में शामिल अरेरा कॉलोनी के आवासीय क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियों को लेकर जोन स्तर पर एक सर्वे कराया था। पता चला था कि ई-2 से लेकर ई-5 तक 516 मकानों ने अपने पूरे घर या घर का कुछ हिस्सा व्यवसायिक गतिविधि के लिए दे दिया है। नियमानुसार ऐसा नहीं किया जा सकता। ये अधिकतर मकान वे हैं, जिन्होंने खुद को बीडीए की लीज से फ्री होल्ड करा लिया है। इनपर क्षेत्रीय एसडीएम व वाणिज्यिक कर विभाग को कार्रवाई करना चाहिए।
1965 की जंग में थे, सुकून के लिए भोपाल पसंद, लेकिन अब सब बदल रहा
एचएक्स ई-7 एक्सटेंशन में ही रहने वाले रिटायर्ड एयर मार्शल विक्रम पाठ्या का कहना है कि वायुसेना में था। 1965 की जंग में शामिल रहा। दिल्ली से लेकर बैंगलुरू, हैदराबाद सभी जगह रहने का मौका मिला, लेकिन सुकून के लिए भोपाल में घर लिया। अब जिस तरह से राजनीतिक और व्यवसायिक साठगांठ से हरियाली और क्षेत्र की शांति खत्म की जा रही है। अफसरों को इस तरह की गतिविधि पर तुरंत लगाम कसना चाहिए।
सीपीए के फॉरेस्ट विंग के पास इसका जिम्मा है। हम उसके माध्यम से इसे दिखवाते हैं। शिकायत फॉरेस्ट विंग के पास ही पहुंची होगी। कार्रवाई क्यों नहीं की, इसे देखा जाएगा।
– जवाहर सिंह, अधीक्षण यंत्री सीपीए
…और यहां खुद वन विभाग ने काट डाले पेड़, निगम ने बनाया पंचनामा
लिंक रोड नंबर दो किनारे तरण पुष्कर के सामने वन विभाग के सर्किल ऑफिस के पास यूकेलिप्टस के काटने के मामले में निगम के उद्यान उपायुक्त बीडी भूमरकर ने कर्मचारियों के माध्यम से पंचनामा बनाया है। भूमरकर का कहना है कि इसे दिखवाया जा रहा है कि कब के पेड़ कटे हुए हैं। गौरतलब है कि बीते दो साल में यहां से बांस समेत अन्य पेड़ों को काट दिया गया है।
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