स्थिति ये हैं कि सीपीए की फेंसिंग और पेड़ काटने की ई-1 से ई-7 तक बीते छह माह में 70 शिकायतें सीपीए तक पहुंची। हैरत ये हैं कि इनमें से एक पर भी पुख्ता कार्रवाई नहीं की गई। ई-7 में ही इस तरह के 20 मामले हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि सभी शिकायतकर्ता हाइप्रोफाइल हैं।
जोन नौ में शामिल अरेरा कॉलोनी के आवासीय क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियों को लेकर जोन स्तर पर एक सर्वे कराया था। पता चला था कि ई-2 से लेकर ई-5 तक 516 मकानों ने अपने पूरे घर या घर का कुछ हिस्सा व्यवसायिक गतिविधि के लिए दे दिया है। नियमानुसार ऐसा नहीं किया जा सकता। ये अधिकतर मकान वे हैं, जिन्होंने खुद को बीडीए की लीज से फ्री होल्ड करा लिया है। इनपर क्षेत्रीय एसडीएम व वाणिज्यिक कर विभाग को कार्रवाई करना चाहिए।
एचएक्स ई-7 एक्सटेंशन में ही रहने वाले रिटायर्ड एयर मार्शल विक्रम पाठ्या का कहना है कि वायुसेना में था। 1965 की जंग में शामिल रहा। दिल्ली से लेकर बैंगलुरू, हैदराबाद सभी जगह रहने का मौका मिला, लेकिन सुकून के लिए भोपाल में घर लिया। अब जिस तरह से राजनीतिक और व्यवसायिक साठगांठ से हरियाली और क्षेत्र की शांति खत्म की जा रही है। अफसरों को इस तरह की गतिविधि पर तुरंत लगाम कसना चाहिए।
– जवाहर सिंह, अधीक्षण यंत्री सीपीए
लिंक रोड नंबर दो किनारे तरण पुष्कर के सामने वन विभाग के सर्किल ऑफिस के पास यूकेलिप्टस के काटने के मामले में निगम के उद्यान उपायुक्त बीडी भूमरकर ने कर्मचारियों के माध्यम से पंचनामा बनाया है। भूमरकर का कहना है कि इसे दिखवाया जा रहा है कि कब के पेड़ कटे हुए हैं। गौरतलब है कि बीते दो साल में यहां से बांस समेत अन्य पेड़ों को काट दिया गया है।