सूत्रों के अनुसार दुकानदार जोन स्तर पर जनप्रतिनिधि और अधिकारियों से सेटिंग कर बिना अनुमति के व्यावसायिक कारोबार कर रहे हैं। पिछले दिनों निगम आयुक्त अविनाश लवानिया के जानकारी में आने के बाद
बिना लाइसेंसी दुकानदारों और दुकानों के सामने बिना अनुमति लगाए होर्डिंग पर कार्रवाई की गई।
नहीं होती समीक्षा
नगर निगम सभी प्रकार के कर से सालाना 150 करोड़ राजस्व प्राप्त करता है। इसे दो से तीन गुना बढ़ाया जा सकता है, लेकिन नगर निगम न तो जोनवार समीक्षा करता है और न ही वार्ड व जोन स्तर के अधिकारियों से जवाब-तलब किया जाता है। इसके बाद भी निगम की ओर से लाइसेंस न लेने पर जोनल अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। पुराने शहर में करीब 20 प्रतिशत दुकानें बिना लाइसेंस व अनुमति के चल रही हैं।
दुकानदार लाइसेंस नहीं लेते हैं, यह सही है, पर निगम अमले को सख्ती बरतनी चाहिए। जल्द ही समीक्षा बैठक बुलाएंगे। राजस्व वसूली लक्ष्य पूर्ति के लिए अभी से अधिकारियों को काम करना होगा।
आलोक शर्मा, महापौर