उल्लेखनीय है कि कालापानी पंचायत के कजलीखेड़ा में कचरा डंपिंग की आड़ में बड़े पैमाने पर बोल्डर्स (अलंगा) का अवैध खनन काफी समय से किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो स्थानीय रसूखदार पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से रोजाना कई ट्रॉली बड़े पत्थरों का खनन करवा रहे हैं।
मौके पर पहुंची पत्रिका टीम ने खनन किए जाते देखा। चट्टानों को तोड़कर तराशे गए बोल्डर्स ट्रैक्टर ट्रॉली में लादे जा रहे थे। लगभग दस लोग इस काम में लगे हुए थे। जब खनन करवा रहे लोगों से पूछा गया कि यह किससे कहने पर किया जा रहा है तो उन्होंने नगर निगम कमिश्नर, क्षेत्रीय विधायक और सरपंच का नाम बदल-बदलकर लिया।
खनन वाला स्थान मुख्य कोलार रोड से हटकर है, इसलिए किसी की नजर नहीं पहुंचती। श्रमिक गड्ढे में घुसकर पत्थर तोडऩे व तराशने का काम करते हैं और ट्रैक्टर व गाडिय़ां भी नीचे ही खड़ी करते हैं, जिससे दूर से दिखाई न दें। एक-दो व्यक्ति ऊपर खड़े होकर निगरानी करते हैं। ट्रैक्टरों पर कोई रजिस्ट्रेशन नम्बर नहीं होता और उनका रंग भी पीला करवाया हुआ है, जिससे लगे कि नगर निगम का वाहन है। कचरा डंपिंग के लिए इधर नगर निगम की गाडिय़ों का आवागमन होता रहता है, इसलिए लोग खनन वाले वाहनों को पीले रंग में होने की वजह से नगर निगम का ही समझते हैं। यहां से रोजाना दस ट्राली से अधिक अलंगे निकाले जाते हैं। दिन में एक व्यक्ति 500 अलंगे काटता है और एक ट्राली में करीब 1000 अलंगे भरे जाते हैं।
घुमा फिराकर करते बात
खनन करने वाले इतने चालाक हैं कि पूछने पर घुमा फिराकर बातें करते हैं। बोल्डर खनन करने वालों ने यह भी कहा कि यहां कचरा ऊपर फेंका जा रहा है, जो हवा के साथ इधर-उधर उड़कर लोगों के घरों में जाता है, इसलिए गड्ढा कर रहे हैं। कुछ दिन पहले नगर निगम कमिश्नर मैडम और विधायक यहां आए थे, उन्हीं ने पत्थर निकालने को कहा है। दूसरी तरफ भाई खां बोले कि सरपंच ने कह दिया है कि कोई रोक-टोक नहीं चाहे जितना पत्थर निकालो। हम बाउंड्री बनाने के लिए अलंगे सप्लाई करते हैं। ग्रामीण सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में घूमने वाले सिपाही इन अवैध खनन करने वालों से बंधी रकम और अन्य सेवाएं लेते हैं।
खनन करने वाले इतने चालाक हैं कि पूछने पर घुमा फिराकर बातें करते हैं। बोल्डर खनन करने वालों ने यह भी कहा कि यहां कचरा ऊपर फेंका जा रहा है, जो हवा के साथ इधर-उधर उड़कर लोगों के घरों में जाता है, इसलिए गड्ढा कर रहे हैं। कुछ दिन पहले नगर निगम कमिश्नर मैडम और विधायक यहां आए थे, उन्हीं ने पत्थर निकालने को कहा है। दूसरी तरफ भाई खां बोले कि सरपंच ने कह दिया है कि कोई रोक-टोक नहीं चाहे जितना पत्थर निकालो। हम बाउंड्री बनाने के लिए अलंगे सप्लाई करते हैं। ग्रामीण सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में घूमने वाले सिपाही इन अवैध खनन करने वालों से बंधी रकम और अन्य सेवाएं लेते हैं।
कालापानी इलाके के जिस हिस्से में अवैध खनन की शिकायतें तो मिली हैं, वहां तो फॉरेस्ट लैंड बताई गई है। मैं इंस्पेक्टर को भेजकर फिर से दिखवाता हूं।
– राजेन्द्र सिंह परमार, जिला खनिज अधिकारी
पहले कई बार इस बारे में अधिकारियों को बताया जा चुका है, लेकिन एफआइआर के लिए कभी आवेदन नहीं दिया गया। मैं बाहर हूं, वापस आकर देखता हूं।
– रफीउद्दीन खान, सरपंच
– राजेन्द्र सिंह परमार, जिला खनिज अधिकारी
पहले कई बार इस बारे में अधिकारियों को बताया जा चुका है, लेकिन एफआइआर के लिए कभी आवेदन नहीं दिया गया। मैं बाहर हूं, वापस आकर देखता हूं।
– रफीउद्दीन खान, सरपंच