स्पीड ब्रेकर: यह होना जरूरी, लापरवाही के यह हालात 1.ऊंचाई: आदर्श स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई 10 सेंटीमीटर।
हकीकत: एक फीट से डेढ़-डेढ़ फीट ऊंचे। 2.लंबाई: 3.5 मीटर और वृत्ताकार क्षेत्र यानी कर्वेचर रेडियस 17 मीटर होना चाहिए।
हकीकत: कोई मापदंड ही नहीं।
हकीकत: एक फीट से डेढ़-डेढ़ फीट ऊंचे। 2.लंबाई: 3.5 मीटर और वृत्ताकार क्षेत्र यानी कर्वेचर रेडियस 17 मीटर होना चाहिए।
हकीकत: कोई मापदंड ही नहीं।
3.संकेतक: ड्राइवर को सचेत करने स्पीड ब्रेकर आने से 40 मीटर पहले चेतावनी बोर्ड जरूरी।
हकीकत: गिने-चुने स्थान पर बोर्ड लगे हैं। उनमें भी विज्ञापन के पोस्टर चस्पा हैं। 4. रफ्तार: स्पीड ब्रेकर का मकसद वाहनों की रफ्तार को 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचाना है ताकि हादसों के खतरे कम किए जा सके।
हकीकत: संकेतक बोर्ड नहीं होने से वाहन चालक को ब्रेकर दिखता ही नहीं, रफ्तार से गुजरने से हादसे होते हैं।
हकीकत: गिने-चुने स्थान पर बोर्ड लगे हैं। उनमें भी विज्ञापन के पोस्टर चस्पा हैं। 4. रफ्तार: स्पीड ब्रेकर का मकसद वाहनों की रफ्तार को 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचाना है ताकि हादसों के खतरे कम किए जा सके।
हकीकत: संकेतक बोर्ड नहीं होने से वाहन चालक को ब्रेकर दिखता ही नहीं, रफ्तार से गुजरने से हादसे होते हैं।
5. थर्मोप्लास्टिक पेंट की पट्टियां: स्पीड ब्रेकर पर थर्मोप्लास्टिक पेंट से पट्टियां बनाई जानी चाहिए ताकि रात के समय वे ड्राइवरों की नजरों से न चूके।
हकीकत: शहर की चार-पांच सड़कों पर छोड़ कहीं भी थर्मोप्लास्टिक पेंट की पट्टि नहीं लगीं।
हकीकत: शहर की चार-पांच सड़कों पर छोड़ कहीं भी थर्मोप्लास्टिक पेंट की पट्टि नहीं लगीं।
6. चौराहा, अस्पताल या स्कूल, रिहाइशी इलाकों में हर 80 मीटर की दूरी पर स्पीड ब्रेकर बनाए जा सकते हैं।
हकीकत: ऐसे कोई स्पष्ट मानक नहीं हैं, जिसका जहां जैसे मन आया, गुजरती सड़क पर एक स्पीड ब्रेकर तान देता है।
हकीकत: ऐसे कोई स्पष्ट मानक नहीं हैं, जिसका जहां जैसे मन आया, गुजरती सड़क पर एक स्पीड ब्रेकर तान देता है।
इन्हें जिंदगी भर का जख्म दे गया स्पीड ब्रेकर 1. दोनों हाथ फै्रक्चर, पति भी चोटिल डीके हनी होम्स नयापुरा कोलार रोड निवासी 65 वर्षीय शोभा पाण्डे पति केशव पाण्डे लोक निर्माण विभाग से रिटायर्ड हैं। उन्होंने बताया कि 13 अक्टूबर की शाम वह पति के साथ स्कूटर से माता मंदिर से घर जा रही थीं। चूनाभट्टी चौराहा क्रास करने के बाद थोड़ी आगे बढ़ी ही थीं कि सड़क पर बने स्पीड ब्रेकर में उनकी स्कूटर उछल गया। हादसे में दंपती सड़क पर गिए गए। इसमें शोभा पाण्डे के दोनों हाथ फै्रक्चर हो गए, जबकि केशव पाण्डे को मामूली चोट लगी। हादसे में जख्मी शोभा कहती हैं कि ऐसे हादसों के लिए सीधे तौर पर सड़क निर्माण एजेंसियां जिम्मेदार हैं। मूसाफिरों की जिंदगी खतरे में डालने वाले ऐसे लोगों पर अपराधिक केस दर्ज होना जरूरी है।
2. लुटेरों का पीछा करने में ब्रेकर से उछलीं
नौ अक्टूबर को पासपोर्ट ग्राहक सेवा केन्द्र में जॉब करने वाली 25 वर्षीय अंकिता शर्मा भेल गेट-5 के पास स्पीड ब्रेकर से उछलकर गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें दो दिन तक होश नहीं आया। अंकिता उस दौरान घायल हुई जब वह स्कूटर से उनका पर्स छीनकर भाग रहे लुटेरे का पीछा कर रही थीं।
नौ अक्टूबर को पासपोर्ट ग्राहक सेवा केन्द्र में जॉब करने वाली 25 वर्षीय अंकिता शर्मा भेल गेट-5 के पास स्पीड ब्रेकर से उछलकर गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें दो दिन तक होश नहीं आया। अंकिता उस दौरान घायल हुई जब वह स्कूटर से उनका पर्स छीनकर भाग रहे लुटेरे का पीछा कर रही थीं।