मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक नवंबर के पहले सप्ताह से तापमान में अधिक गिरावट आएगी। चक्रवाती तूफान ‘क्यार’ (Kyarr cyclone) का असर खत्म नहीं हुआ है। मौसम विभाग (IMD)के अनुसार चक्रवाती तूफान की तीव्रता 29 अक्टूबर तक बनी रह सकती है। सुबह तक बनी रहेगी और उसके बाद यह धीरे-धीरे कमजोर होगा।
यहां हो सकती है बारिश
मध्यप्रदेश के 32 जिलों में अब भी बादल छाए हुए हैं और बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने इन जिलों में बारिश या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई है। इनमें भोपाल, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, धार, इंदौर, खंडवा, खरगौन, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, बुरहानपुर, होशंगाबाद, बैतूल, हरदा, उज्जैन, नीमच, रतलाम, शाजापुर, देवास, आगर, मंदसौर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, नरसिंहपुर, जबलपुर, मंडला, कटनी, अनूपपुर, डिंडोरी जिले शामिल हैं। मौसम विभाग का यह पूर्वानुमान एक नवंबर तक रहेगा।
यहां मौसम शुष्क रहेगा
प्रदेश के गुना, अशोकनगर, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, सागर, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, टीकमगढ़, पन्ना, छतरपुर, दमोह, श्योपुरकलां, मुरैना और भिंड जिलों में मौसम शुष्क रहेगा। यह पूर्वानुमान आने वाले दो दिनों तक रहेगा।
पिछले 24 घंटों का हाल
कहीं-कहीं हुई बारिश
प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान जबलपुर, शहडोल, इंदौर और होशंगाबाद संभागों के जिलों में कहीं-कहीं बारिश दर्ज की गई, जबकि शेष संभागों के जिलों में मौसम शुष्क रहा।
ग्वालियर-दमोह में सबसे अधिक तापमान
प्रदेश के सागर, उज्जैन संभागों में तापमान विशेष रूप से बढ़ा हुआ रहा, रीवा, भोपाल और इंदौर संभागों के जिलों में काफी बढ़ हुआ है, जबकि शेष संभागों के जिले में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। मध्यप्रदेश के ग्वालियर और दमोह में अधिकतम तापमान सबसे ज्यादा रहा। यहां 33 डिग्री से. तापमान रिकार्ड किया गया।
यहां सबसे कम तापमान
न्यूनतम तापमानों में सभीसंभागों के जिलों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। वे शहडोल संभाग के जिलों में सामान्य से विशेष रूप से अधिक, जबलपुर संभाग के जिलों में सामान्य से काफी अधिक, इंदौर और ग्वालियर संभागों के जिलों में सामान्य तथा शेष संभागों के जिलों में सामान्य से अधिक रहे। प्रदेश में सबसे कम न्यूनतम तापमान 14 डिग्री से. ग्वालियर एवं बैतूल में दर्ज किया गया।
अक्टूबर में यह हाल
मौसम विभाग के रिकार्ड के मुताबिक 1985 में अक्टूबर में 230 मिमी बरसात हुई थी। जबकि रविवार को हुई बरसात के बाद इस वर्ष अक्टूबर माह में पोस्ट मानसून की बरसात हो चुकी है। जबकि भोपाल में अब तक अक्टूबर माह में केवल 11.5 मिमी बारिश हुई है।
2014 में हुई थी 35 मिमी बरसात
पिछले 10 साल के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में एक दिन में सबसे अधिक बरसात 2014 में दर्ज की गई। 2014 में 19 अक्टूबर को एक दिन में सबसे अधिक 35 मिमी बरसात दर्ज की गई।
क्यार, लोकल सिस्टम का साझा असर
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला के मुताबिक एक ओर क्यार के असर से नमी आ रही थी, वहीं सोमवार को दोपहर में निकली तेज धूप ने इस नमी से लोकल सिस्टम बना दिया। यह सिस्टम अचानक शाम को सक्रिय हुआ और तेज बारिश शुरू हो गई।