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घर पर शुद्ध जल में करें विसर्जन

locationभोपालPublished: Sep 19, 2021 01:05:11 am

Submitted by:

Rohit verma

अनंत चतुर्दर्शी आज: नहीं निकलेंगे चल समारोह

घर पर शुद्ध जल में करें विसर्जन

घर पर शुद्ध जल में करें विसर्जन

भोपाल. अनंत चतुर्दर्शी का पर्व रविवार को मनाया जाएगा। इसी के साथ गणेशोत्सव का समापन होगा। श्रद्धालु गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारों के साथ बप्पा को विदाई देंगे। इस बार अनेक घरों में मिट्टी के गणेशजी की स्थापना की गई है, आज श्रद्धालु भगवान गणेश का विसर्जन करेंगे। बड़ी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए नगर निगम प्रशासन की ओर से भी घाटों पर अस्थायी विसर्जन कुंड बनाए गए हैं। शहर के खटलापुरा, प्रेमपुरा, कमलापति, शाहपुरा आदि स्थानों पर प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।
विसर्जन घाटों पर प्रशासन ने की व्यवस्था
गणेश उत्सव के समापन पर हर साल अनंत चतुर्दर्शी पर रात्रि में चल समारोह निकाला जाता है, लेकिन इस बार कोविड 19 के चलते चल समारोह नहीं निकाले जाएंगे। उत्सव समितियों के कार्यकर्ता प्रतिमाएं लेकर विसर्जन घाट पहुंचेंगे, जहां प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा
मुक्तेश्वर का फूलों से शृंंगार
शिव पूजा के लिए विशेष माने जाने वाला प्रदोष व्रत शनिवार को था। इस मौके पर शहर के शिवालयों में भगवान भोलेनाथ की आराधना की गई, विशेष शृंगार हुआ। शनि प्रदोष के मौके पर शहर के बड़वाले महादेव मंदिर में भगवान वटेश्वर का विभिन्न प्रकार के फूलों से अलौकिक शृंंगार किया गया। इसके बाद आरती और दर्शन का सिलसिला रात्रि तक चलता रहा।
वहीं शहर के छोला विश्राम घाट स्थित मुक्तेश्वर महाकाल मंदिर में भी शनि प्रदोष के मौके पर भगवान मुक्तेश्वर महाकाल का अलौकिक शृंगार किया गया। यहां विभिन्न प्रकार के फूलों से भगवान मुक्तेश्वर का शृंगार हुआ। इस मौके पर विशेष पूजा अर्चना और महाआरती की गई। यहां श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
मुनि ने बच्चों को दिए उप नयन संस्कार
पर्युषण पर्व पर शनिवार को राजधानी के जैन मंदिरों में भगवान जिनेन्द्र का अभिषेक शांतिधारा के साथ उत्तम आकिंचन धर्म की आराधना हुई। रविवार को उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना के साथ पर्युषण पर्व का समापन होगा। चौक जैन मंदिर से दोपहर 1 बजे श्रीजी की शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शनिवार को धर्मशाला में मुनि निष्पक्ष सागर ने 8 वर्षीय बच्चों को उप नयन संस्कार दिए। इस मौके पर महाराज ने कहा प्रकृति में लवलीन हो जाना विकृति से हट जाना ही आकिंचन है। वस्त्र नहीं वासनाओं को छोडऩा आकिंचन धर्म है।
1008 दीपकों से महाआरती
झिरनो जैन मंदिर में पर्युषण पर्व पर भगवान नेमिनाथ की 1008 दीपकों से महाआरती की गई। पंचशील नगर जिनालय में भी श्रद्धालुओं ने चौबीस तीर्थंकर भगवन्तों की आराधना की। स्टेशन बजरिया स्थित महावीर जिनालय में मनोज शास्त्री ने आकिंचन धर्म के महत्व पर प्रकाश डाला। साकेत नगर जैन मंदिर में इसी कड़ी में शनिवार को मंदिर में चिंदियों की झालर नाटक का मंचन किया गया।

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