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बाजार में बहुत सस्ती मिलती है इम्यूनिटी बढ़ानेवाली ये बूटी, कोरोना से बचाव में सबसे असरकारक

locationभोपालPublished: Jan 28, 2022 12:02:21 pm

Submitted by:

deepak deewan

कोरोना से बचाव की दवा भी इससे हो रही तैयार

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भोपाल. दुनियाभर में कोरोना का आतंक पसरा है. पिछले दो साल से लोग इसका प्रकोप झेल रहे हैं. देश की तरह मध्यप्रदेश में भी इस समय कोरोना की तीसरी लहर चल रही है. सभी जानते हैं कि इम्यूनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होनेपर यह बीमारी लोगों को जल्द संक्रमित कर देती है.

इम्यूनिटी बढ़ानेवाली एक बूटी सर्वसुलभ और सस्ती है जिसके अन्य अनेक लाभ भी हैं. कोरोना से बचने के लिए लोग तरह—तरह के इम्यूनिटी बूस्टर आजमा रहे हैं जबकि अश्वगंधा से रोग प्रतिरोधक क्षमता सबसे ज्यादा विकसित होती है.

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अश्वगंधा बहुपयोगी है और इसकी जड़, तना और बीज तक का औषधियों में प्रयोग किया जाता रहा है. इम्युनिटी बढ़ाने वाली बहुप्रचारित दवा कोरोनिल भी इसी से तैयार की जा रही है. विशेषज्ञों, आयुर्वेदाचार्यों, डाक्टरों के अनुसार इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवा कोरोनिल बनाने में अश्वगंधा का ही उपयोग किया गया है।

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अश्वगंधा के बीज मिर्च जैसे होते हैं। आजकल इसकी जमकर खेती भी की जा रही है। आमतौर पर 150 से 160 दिन में इसकी फसल तैयार हो जाती है।

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जब इसके फल आधे पक जाते हैं और पौधे की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं, तब इसे जोत लेते हैं। इसके बाद जड़ सहित पौधों को इकट्‌ठा कर लेते हैं। अश्वगंधा की जड़ को तने से काटकर धो कर सुखा लेते हैं। इसके तने और बीज को अलग कर लेते हैं। इसके बीज आमतौर पर बाजार में 50 से 60 रुपए किलो की दर से मि जाते हैं।
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अश्वगंधा की जड़ की भी जबर्दस्त डिमांड रहती है. दरअसल अश्वगंधा का औषधीय उपयोग है . आयुर्वेदाचार्य नीलमणि त्रिपाठी के अनुसार वर्तमान में अश्वगंधा की जड़ 250 से 300 रुपए की दर से बिक रही है. हालांकि कोविड की दूसरी लहर में इसकी डिमांड खूब होने से ये 450 रुपए प्रति किलो की दर से भी बिकी थी.
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अश्वगंधा की पत्तियां कैंसर और मोटापा रोकने में उपयोगी है। वहीं इसके फल और बीज एस्टेरॉयड बनाने के काम में लिए जाते हैं। इसकी जड़ों का उपयोग गठिया, कमर दर्द, ऑर्थराइटिस में होता है। वैद्य आयुर्वेदाचार्य ओपी पांडे बताते हैं कि इसकी जड़ का पाउडर कोविड सहने की क्षमता बढ़ाता है।
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यही कारण है कि इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवा कोरोनिल में इसी का उपयोग किया गया है। ये कोरोना की प्रोफाइल एक्टिव ड्रग में प्रयोग किया जाता है।
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सावधानी— अश्वगंधा का कैसे और कब प्रयोग करें, इसके लिए योग्य आयुर्वेदाचार्य, वैद्य या डाक्टर्स की ही सलाह लें.
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