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40 सीटों पर बसपा का सीधा असर, दो मुख्यमंत्रियों को चुनाव हराकर स्थापित किया था बर्चस्व

locationभोपालPublished: Sep 20, 2018 02:38:09 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

2013 के विधानसभा चुनावों में बसपा ने राज्य में चार सीटें जीतीं थीं।

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40 सीटों पर बसपा का सीधा असर, दो मुख्यमंत्रियों को चुनाव हराकर स्थापित किया था बर्चस्व

भोपाल. मध्यप्रदेश के सियासी रण में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। 2018 के विधानसभा चुनावों के लिए बसपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की खबरें हैं हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। 2013 के विधानसभा चुनावों में बसपा ने राज्य में चार सीटें जीतीं थीं लेकिन प्रदेश में करीब 40 ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां पर बसपा का प्रभाव है।

मध्यप्रदेश में बसपा का इतिहास
1990 में उत्तर प्रदेश से निकलकर बसपा ने पहली बार मध्यप्रदेश के चुनावी समर में कदम रखा। हालांकि अभी तक बसपा राज्य में ना तो मजबूत विपक्षी दल बन सका है और ना ही कभी सरकार बनाने में किंग मेकर बन सकी है। 1996 में लोकसभा चुनवा में सतना संसदीय सीट से बसपा उम्मीदवार सुखलाल कुशवाहा ने प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को चुनाव हराया और जीत दर्ज की। कुशवाहा ने इस चुनाव में बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह को चुनाव हाराया था। हालांकि अर्जुन सिंह कांग्रेस के नहीं बल्कि खुद की बनाई पार्टी तिवारी कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में मैदान में थे। उत्तर प्रदेश से सटे इलाकों में बीएसपी का प्रभाव हर विधानसभा चुनाव में देखने को मिलता है।
बसपा का वोट प्रतिशत बढ़ता रहा
1990 में बसपा को करीब 3.5o फीसदी वोट मिले थे। 1993 में 6.04 और 1998 में 7.02 फीसदी वोट हासिल किया। साल 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस विरोधी लहर और बीजेपी के जबरदस्त चुनाव प्रचार के बाद बीएसपी दो सीटों पर सिमटी, लेकिन उसने वोट फीसदी बढ़ाकर 7.26 कर लिया। 2008 में 7 सीटें जीती और 8.72 वोट फीसदी तक पहुंच गई। 2013 के चुनाव में भी बीएसपी को करीब 6.5 फीसदी वोटों के साथ सिर्फ चार सीटें मिलीं थीं। 2009 के लोकसभा चुनावों में बसपा ने एक बार फिर अपना प्रभाव दिखाया। रीवा संसदीय क्षेत्र से बसपा के देवराज सिंह पटेल ने कांग्रेस के दिग्गज नेता सुंदरलाल तिवारी को चुनाव हराया। 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा का वोट प्रतिशत 5.9 था। वहीं, 2014 की मोदी लहर में 1.2 था। 2004 के चुनाव में बसपा का वोट प्रतिशत 4.8 था।

इन सीटों पर है बसपा का असर
सुमावली, जौरा, वारासिवनी, सबलगढ़, दिमनी, अंबाह, मुरैना, भिंड, रामपुर बघेलान, सतना, रीवा, सेमारिया, महाराजपुर, पन्ना, देवतालाब, अशोकनगर, रेगांव, चित्रकूट, मैहर, अमरपाटन, नागौद, अटेर, लहार, कटंगी, जतारा, चुरहट, सिरमौर, त्यौंथर, चितरंगी. देवसर और सिंगरौली।
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