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तो इस वजह से बनाए गए हैं ऋषि कुमार शुक्ला CBI चीफ, जानिए उनके जीवन की कुछ अनसुनी बातें

locationभोपालPublished: Feb 03, 2019 03:12:19 pm

Submitted by:

Faiz

तो इस वजह से बनाए गए हैं ऋषि कुमार शुक्ला CBI चीफ, जानिए उनके जीवन की कुछ अनसुनी बातें

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तो इस वजह से बनाए गए हैं ऋषि कुमार शुक्ला CBI चीफ, जानिए उनके जीवन की कुछ अनसुनी बातें

भोपालः मध्यप्रदेश सरकार द्वारा डीजीपी पद से हटाए जाने के चौथे दिन केंद्र ने 1983 बैच के आईपीएस अफसर ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई चीफ के रूप में चुन लिया है। सीबीआई प्रमुख के चयन के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पांच लोगों की समिति की बैठक में कोई फैसला नहीं हो पाया था, लकिन शनिवार को आखिरकार चयन समिति ने IPS ऋषि कुमार शुक्ला के नाम पर मुहर लगा दी। बैठक में प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई के साथ खड़गे भी शामिल हुए थे। खबर के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि, आखिर वो क्या वजह थी जिसके कारण पांच लोगों के पैनल में शुक्ला के नाम पर ही मुहर लगाई। साथ ही, उनके बारे में कुछ ऐसी प्रमुख बातें जो आपको अब तक पता नहीं होंगी।

इस वजह से शुक्ला के नाम पर लगी मुहर

आपको बता दें कि, ऋषि कुमार शुक्ला एक साफ सुथरी छवि के अफसर हैं। उनके कार्यकाल में अब तक उनपर कोई गंभीर आरोप नहीं लगा है। हाल ही में कांग्रेस सोशल मीडिया के लिए काम करने वाले अभिषेक मिश्रा की गिरफ्तारी को लेकर भी उन्होंने दिल्ली पुलिस के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने से इंकार कर दिया था। अपनी पूरी सर्विस के दौरान अब तक शुक्ला के खिलाफ किसी तरह का कोई विवाद दर्ज नहीं है।अपनी वरिष्ठता के साथ साथ वो एक साफ सुथरी छवि के व्यक्ति हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के समर्थक भी माने जाते हैं। आईबी में उन्हें करीब 5 साल तक काम करने का अनुभव भी प्राप्त है। भोपाल में हुए सिमी एनकाउंटर मामले में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलाव सबसे खास बात ये है कि, उनका राजनीतिक पृष्ठभूमि से कोई नाता नहीं है।

एमपी के पहले अफसर जिन्हें मिला ये प्रभार

मूल रूप से मध्य प्रदेश के ग्वालियर के रहवासी ऋषि कुमार शुक्ला बीकॉम तक पढ़े हैं। इसके बाद 1983 में उन्होंने भारतीय पुलिस ज्वाइन की। सीबीआई में उनका कार्यकाल नियुक्ति की तारीख से 2 साल तक है।
ऋषि कुमार शुक्ला मध्यप्रदेश के पहले आईपीएस अफसर हैं, जिन्हें सीबीआई डायरेक्टर का प्रभार मिला है, इससे पहले प्रदेश के किसी भी अफसर को ये जिम्मेदारी नहीं मिली थी। आपको बता दें कि, इस सीबीआई पद की इस दौड़ में वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी जावेद अहमद, रजनीकांत मिश्र, एसएस देसवाल और शिवानंद झा भी शामिल थे, लेकिन चयन समिति ने इन खूबियों को देखते हुए शुक्ला के नाम पर मुहर लगाई।

रायपुर से शुरू की थी शुरुआत

ऋषि कुमार शुक्ला मध्यप्रदेश का जन्म 23 अगस्त 1960 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। ग्रेजुएशन करने के बाद पुलिस सेवा का प्रशिक्षण लेने के बाद शुक्ला की पहली पद स्थापना 1985 में अविभाजित मध्य प्रदेश के रायपुर जिले में सीएसपी के तौर पर हुआ था। उसके बाद उन्हें शिवपुरी का एएसपी नियुक्त किया गया। साल 1987 में उन्हें जिले की कमान सौंपी गई। एसपी के तौर पर उनकी पहली पद स्थापना दमोह जिले में हुई। उसके बाद वो एसपी शिवपुरी, एसपी मंदसौर और एसपी पीटीएस इंदौर भी रहे।

इन पदों पर रह चुके हैं शुक्ला

इसके बाद साल 1992 से 1996 तक उनकी प्रतिनियुक्ति केंद्र में की गई। यहा से लोटने के बाद उन्हें एआईजी प्रशासन और डीआईजी सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी मिली। साल 2004 में वो एक बार फिर प्रतिनियुक्ति में चले गए थे, जहां से साल 2007 में उन्हें एक बार फिर प्रदेश में ही बड़ी जिम्मेदारी मिली। इसके बाद उन्हें भोपाल में आईजी सीबीआई के तौर पर नियुक्त किया गया। इसके बाद वो यहां आईजी एसएएफ भोपाल, आईजी सुरक्षा और आईजी एसटीएफ भी रहे। उसके बाद एडीजी रेल, एडीजी इंटेलीजेंस, एडीजी एसएएफ, डीजी होमगार्ड और अध्यक्ष पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन का प्रभार मिला। इसके बाद वो साल 2009 से 2012 तक उन्होंने एडीजी इंटेलीजेंस का प्रभार संभाला।

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