
रियासत लौटाने का लालच सुन राजाओं ने किया था विश्वासघात
नाटक में आगे दिखाया गया कि अंग्रेजों के विरुद्ध हुए इस विद्रोह का जनता का भी भारी समर्थन मिलने लगा। राज्यों में स्वाधिनता की अलख जलने लगी। नाटक में दिखाया गया कि अंग्रेजी प्रशासन ने निर्णय लिया कि मधुकर शाह और उसके साथियों को पकड़ा जाए। इसके लिए उन राजाओं पर भारी इनाम की घोषणा की, परंतु इससे भी सफलता हाथ नहीं लगी। तब उन्होंने राजा मर्दन सिंह और राजा बखत बली को लालच दिया कि वे मधुकर, हृदय शाह और उनके साथियों को पकड़ने में साथ दें तो रियासत लौटा देंगे। उनकी यह चाल सफल रही। एक-एक कर सभी राजा पकड़े गए। इस प्रकार 1842 के विद्रोह का अंग्रेजों ने क्रूरता से दमन कर दिया गया।