उन्हाेंने सीएम हाउस पर बृहस्पतिवार काे ये बातें पीएम मोदी के 17 सितंबर के श्योपुर दौरे की तैयारियों की समीक्षा के दौरान कही। यहां शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा में मुख्य रूप से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के प्रवेश करवाने और कराहल में स्व-सहायता समूह की बहनों के सम्मेलन की तैयारियों में कोई कोताही न बरती जाएगी। शिवराज ने कहा कि श्योपुर के अलावा बाकी जिलों में इस दिन जन-कल्याणकारी गतिविधि की जाए।
इसका पूरा प्लान बनाया जाए। 17 सितम्बर से 31 अक्टूबर तक हितग्राहियों को योजनाओं से लाभान्वित करने का अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके लिए पूरी तैयारी हो। बैठक में ही बताया गया कि पीएम मोदी कूनो में दो बाड़ों में चीते विमुक्त करेंगे। पहले बाड़ेे में दो नर चीते छोड़ेे जाएंगे। दूसरे बाड़ेे में एक मादा चीता को छोड़ा जाएगा।
सम्मेलन के समय विकास प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। मध्यप्रदेश के जिलों में ओडीओपी में किए जा रहे कार्यों की प्रस्तुति भी शामिल रहेगी। मुख्य रूप से मुरैना जिले में सरसों तेल, शिवपुरी जिले में मूंगफली तेल, चंदेरी में तैयार अंगवस्त्र, शिवपुरी में बनाए गए जैकेट, डिण्डौरी की गोंडी चित्रकला और मिलेट उत्पाद की गतिविधियों एवं इनके उत्पादन और निर्माण आदि से जुड़े कार्यों की जानकारी प्रधानमंत्री को दी जाएगी।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 1952 में भारत में चीता विलुप्त घोषित किया गया था। वर्ष 2009 में चीता पुनर्स्थापना के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों की चर्चा हुई। वर्ष 2010 में भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाईल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए संभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया, जिसमें 10 स्थलों में कूनो अभ्यारण्य जो वर्तमान में कूनो राष्ट्रीय उद्यान है, सर्वाधिक उपयुक्त पाया गया। कूनो राष्ट्रीय उद्यान के 750 वर्ग किलोमीटर में लगभग दो दर्जन चीतों के रहवास के लिए उपयुक्तता है। इसके अतिरिक्त करीब 3 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र दो जिलों श्योपुर और शिवपुरी में चीतों विचरण के लिए उपयुक्त हैं।