पयुर्षण पर्व में सात्विक भोजन का होता है महत्व जो मन और तन की शुदि्ध के लिए होता है विशेष
भोपालPublished: Sep 12, 2023 10:38:13 pm
- पयुर्षण की शुरुआत, आठ दिन श्रावक रखेंगे कठिन व्रत और भौतिकवादी सुख सुविधाओं से बनाएंगे दूरी
इन पांच कर्तव्यों का करेंगे पालन
- अहिंसा-- हिंसा से दूर रहना, मंदिर तक भी नंगे पांव आना ताकि जाने अनजाने में कोई जीव हिंसा न हो
- सधार्मिक भक्ति- अगर समाज का कोई व्यक्ति आपके यहां आया है तो उसे सम्मान देना
- ब्रह्मचर्य --भौतिक सुख, सुविधाओं से दूर रहना
- क्षमापना--- क्षमा का भाव रखना, क्षमा मांगना
- चैत्य परिपाटी-- सभी मंदिरों के दर्शन करना


पयुर्षण की शुरुआत, आठ दिन श्रावक रखेंगे कठिन व्रत और भौतिकवादी सुख सुविधाओं से बनाएंगे दूरी
भोपाल. श्वेताम्बर जैन समाज के पर्युषण पर्व मंगलवार से शुरू हो गए। आठ दिनों तक चलने वाले इस महापर्व के दौरान श्रद्धालु भौतिक सुख सुविधाओं से दूर रहकर तप, त्याग, संयम की साधना और कठिन व्रत कर रहे हैं। मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना और अनुष्ठान हो रहे हैं। जैन विद्वानों का कहना है कि पर्युषण के दौरान सात्विक भोजन का विशेष महत्व है। सात्विक भोजन मन के विकारों को दूर करने के साथ-साथ बीमारियों से भी बचाता है। इसलिए इसे सभी को अपनाना चाहिए।