टाउनशिप के व्यापारी स्वयं इसका मेंटेनेंस कराने में लगे हुए हैं। भेल के अनेक बाजारों में दुकानदारों को सुविधाओं के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। पार्किंग और स्ट्रीट लाइट की सुविधा भी नहीं मिल रही है। कुछ जगह पार्किंग बनी ही नहीं है। व्यापारियों का कहना है कि भेल नगर प्रशासन विभाग ने बीते 53 साल में एक बार भी दुकानों का मेंटेनेंस नहीं कराया है। जबकि किराया हर महीने वसूला जा रहा है। भेल के व्यापारी मदन बालानी ने बताया कि वर्ष 1965 में भेल प्रशासन ने साढ़े तीन हजार रुपए प्रति व्यापारी से लेकर खुद की जमीन पर दुकान बनाकर दी थी।
भेल एक व्यापारी से बिजली, पानी, साफ.-सफाई के अलावा 500 रुपए प्रति महीना किराया वसूलता है। भेल व्यापारियों को किरायदार तो मानता है, लेकिन सुविधाएं नहीं देता है। बीते 53 साल में एक बार भी दुकानों का मेंटेनेंस नहीं कराया। सुविधाएं नहीं मिलने से व्यापारी परेशान हो रहे हैं।
चौदह बाजारों में डेढ़ हजार व्यापारी
भेल ने विजय मार्केट, बजरंग मार्केट, पिपलानी मार्केट, बरखेड़ा मार्केट सहित करीब 14 जगह बाजार डेवलप किए हैं। इन बाजारों में 1420 रजिस्टर्ड दुकानदार हैं। इनसे नियमित किराया वसूलने के बाद भी सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। व्यापारियों ने बताया कि बाजारों में पीने के पानी तक की कोई व्यवस्था नहीं है। साफ.-सफाई की व्यवस्था निगम के हवाले है।