राकेश पालीवाल ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि चेंगनूर की आपदा के बारे में हमें केरल के दो गांधीवदी जगदीशन और प्रभु ने बताया। रंजीथ और बी प्रसन्ना कुमार ने हमारी यात्रा में काफी मदद की।
78 वर्षीय दयाराम ने दिखाया जोश
पालीवा ने बताया कि केरल में लोगों की सेवा के लिए जाने वाले हमारे दल के सबसे उम्रदराज साथी वरिष्ठ गांधीवादी दयाराम नामदेव शामिल थे। 78 वर्षीय दयाराम ने विनोबा भावे की भूदान यात्राओं में हजारों किलोमीटर पदयात्रा की है। वर्तमान में गांधी भवन भोपाल के सचिव हैं। समूह के सबसे युवा साथी गांधीवादी विचार से लबरेज राधाकृष्ण थे, जो आगरा जिले के राटोटी ग्राम सेवा केंद्र से किसानों के लिए कई रचनात्मक कार्य करते हैं। रीता सिंह बिहार के दरभंगा से आईं थी। वे लेक्चरर हैं और योग पर काम के साथ ही समाजसेवा के विभिन्न कार्य करती हैं। अल्पना त्रिवेदी गांधी भवन भोपाल और एनएसएस से जुड़ी हैं और हमीदिया कॉलेज में लेक्चरर हैं।
पालीवाल ने बताया कि फिलिप ने अपने पेइंग गेस्ट घर के तीन कमरे हमारी टीम को उपलब्ध कराए, जिसमें हम रह कर वहां लोगों की मदद करते रहे। कई स्थानीय लोगों ने राहत सामग्री वितरण में हमारी मदद की। रंजीथ और जयकुमार ने दिन रात हमारा सहयोग किया।
राकेश कुमार पालीवाल आयकर विभाग के बड़े ओहदे पर होने के बाद भी मातृभाषा हिन्दी लेखन को बढ़ावा दे रहे हैं। वे स्वयं सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक, ट्विटर आदि पर हिन्दी में सकारात्मक लेखन करते हैं। अब तक उनके दो उपन्यास, चार कहानी और व्यंग संग्रह, एक कविता संग्रह, एक नाटक प्रकाशित हो चुके हैं। यह सभी हिन्दी भाषा में हैं।