इस सफर में पालीवाल के साथ अलग-अलग राज्यों से पहुंची नौ लोगों की टीम भी थी। टीम के सभी सदस्य स्वयं के खर्च पर केरल राज्य के चेंगनूर पहुंचे। यहां टीम सदस्यों ने 31 अगस्त से 10 सितंबर तक 10 दिन राहत अभियान चलाया। गौरतलब है कि चेंगनूर वह क्षेत्र है, जहां बाढ़ ने सबसे अधिक कहर बरपाया था।
क्या कहते हैं पालीवाल
राकेश पालीवाल ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि चेंगनूर की आपदा के बारे में हमें केरल के दो गांधीवदी जगदीशन और प्रभु ने बताया। रंजीथ और बी प्रसन्ना कुमार ने हमारी यात्रा में काफी मदद की।
राकेश पालीवाल ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि चेंगनूर की आपदा के बारे में हमें केरल के दो गांधीवदी जगदीशन और प्रभु ने बताया। रंजीथ और बी प्रसन्ना कुमार ने हमारी यात्रा में काफी मदद की।
नौ लोगों की टीम में यह रहे शामिल
78 वर्षीय दयाराम ने दिखाया जोश
पालीवा ने बताया कि केरल में लोगों की सेवा के लिए जाने वाले हमारे दल के सबसे उम्रदराज साथी वरिष्ठ गांधीवादी दयाराम नामदेव शामिल थे। 78 वर्षीय दयाराम ने विनोबा भावे की भूदान यात्राओं में हजारों किलोमीटर पदयात्रा की है। वर्तमान में गांधी भवन भोपाल के सचिव हैं। समूह के सबसे युवा साथी गांधीवादी विचार से लबरेज राधाकृष्ण थे, जो आगरा जिले के राटोटी ग्राम सेवा केंद्र से किसानों के लिए कई रचनात्मक कार्य करते हैं। रीता सिंह बिहार के दरभंगा से आईं थी। वे लेक्चरर हैं और योग पर काम के साथ ही समाजसेवा के विभिन्न कार्य करती हैं। अल्पना त्रिवेदी गांधी भवन भोपाल और एनएसएस से जुड़ी हैं और हमीदिया कॉलेज में लेक्चरर हैं।
78 वर्षीय दयाराम ने दिखाया जोश
पालीवा ने बताया कि केरल में लोगों की सेवा के लिए जाने वाले हमारे दल के सबसे उम्रदराज साथी वरिष्ठ गांधीवादी दयाराम नामदेव शामिल थे। 78 वर्षीय दयाराम ने विनोबा भावे की भूदान यात्राओं में हजारों किलोमीटर पदयात्रा की है। वर्तमान में गांधी भवन भोपाल के सचिव हैं। समूह के सबसे युवा साथी गांधीवादी विचार से लबरेज राधाकृष्ण थे, जो आगरा जिले के राटोटी ग्राम सेवा केंद्र से किसानों के लिए कई रचनात्मक कार्य करते हैं। रीता सिंह बिहार के दरभंगा से आईं थी। वे लेक्चरर हैं और योग पर काम के साथ ही समाजसेवा के विभिन्न कार्य करती हैं। अल्पना त्रिवेदी गांधी भवन भोपाल और एनएसएस से जुड़ी हैं और हमीदिया कॉलेज में लेक्चरर हैं।
वे अपनी मित्र दीप्ति के साथ सेवा के लिए दिल्ली होते हुए केरल पहुंची थीं। योगेश डाबरा कस्टम विभाग से सेवानिवृत्त होकर विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं से जुड़े हैं और गुडग़ांव में रहते हैं। महिलाओं के लिए काम करने वाली समाजसेवी रुबीना खान भी यहां पहुंचीं। आयकर विभाग भोपाल के मोहन मैथ्यू भी पहुंचे, वे केरल के मूल निवासी हैं। पालीवाल ने बताया कि यह संयोग ही था कि हम नौ जन थे, जो विविध जगहों से विविध मार्ग से केरल पहुंचे थे। भारतीय संस्कृति में नौ का आंकड़ा शुभ होता है।
स्थानीय लोगों ने की मदद
पालीवाल ने बताया कि फिलिप ने अपने पेइंग गेस्ट घर के तीन कमरे हमारी टीम को उपलब्ध कराए, जिसमें हम रह कर वहां लोगों की मदद करते रहे। कई स्थानीय लोगों ने राहत सामग्री वितरण में हमारी मदद की। रंजीथ और जयकुमार ने दिन रात हमारा सहयोग किया।
पालीवाल ने बताया कि फिलिप ने अपने पेइंग गेस्ट घर के तीन कमरे हमारी टीम को उपलब्ध कराए, जिसमें हम रह कर वहां लोगों की मदद करते रहे। कई स्थानीय लोगों ने राहत सामग्री वितरण में हमारी मदद की। रंजीथ और जयकुमार ने दिन रात हमारा सहयोग किया।
गांधीवादी चिंतक और हिन्दी लेखक भी
राकेश कुमार पालीवाल आयकर विभाग के बड़े ओहदे पर होने के बाद भी मातृभाषा हिन्दी लेखन को बढ़ावा दे रहे हैं। वे स्वयं सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक, ट्विटर आदि पर हिन्दी में सकारात्मक लेखन करते हैं। अब तक उनके दो उपन्यास, चार कहानी और व्यंग संग्रह, एक कविता संग्रह, एक नाटक प्रकाशित हो चुके हैं। यह सभी हिन्दी भाषा में हैं।
राकेश कुमार पालीवाल आयकर विभाग के बड़े ओहदे पर होने के बाद भी मातृभाषा हिन्दी लेखन को बढ़ावा दे रहे हैं। वे स्वयं सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक, ट्विटर आदि पर हिन्दी में सकारात्मक लेखन करते हैं। अब तक उनके दो उपन्यास, चार कहानी और व्यंग संग्रह, एक कविता संग्रह, एक नाटक प्रकाशित हो चुके हैं। यह सभी हिन्दी भाषा में हैं।