मध्यप्रदेश में आयकर विभाग के अलर्ट के बाद रिटर्न भरने वालों में हलचल मच गई है। इस बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों पर 10 हजार..
Income Tax Department
भोपाल। मध्यप्रदेश में आयकर विभाग के अलर्ट के बाद रिटर्न भरने वालों में हलचल मच गई है। इस बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों पर 10 हजार रुपए की पेनल्टी लगाने जा रहा है। वित्त मंत्रालय ने इसके लिए सर्कुलर भी जारी कर दिया है। यह नियम 1 अप्रैल 2018 से लागू भी हो जाएगा।
आयकर विभाग ने सभी से कहा है कि अब चंद ही हफ्ते बचे हैं, इसमें रिटर्न दाखिल कर अपनी आय का लेखा-जोखा प्रस्तुत कर दें। वर्तमान वित्तीय वर्ष में मध्यप्रदेश में अब तक 16,64,808 लोग आयकर रिटर्न दाखिल कर चुके हैं।
आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए साल 2018 क्रांतिकारी होने जा रहा है। क्योंकि यह पहला साल होगा जिसमें रिटर्न दाखिल नहीं करने के एवज में 10 हजार रुपए की पेनल्टी भी देना होगी। सरकार ने इस साल भी आईटीआर फार्म और इसकी प्रोसेस को बदल दिया है। इस बार दस हजार रुपए की पेनल्टी लगाने के नियम के कारण ITR दाखिल करने वालों में घबराहट बढ़ गई है। वित्त विभाग ने इसके लिए नियमों में बदलाव कर दिया है। शुक्रवार को इसका सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है।
एक्सपर्ट्स की सलाह लें भोपाल के एक्सपर्ट्स के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे 10 हजार रुपए की पेनल्टी से बचा जा सकता है।
-एक्सपर्ट्स के मुताबिक ITR जमा करने का सबसे अच्छा समय जून से जुलाई होता है। -क्योंकि सरकार कोई भी बदलाव मई के आखिरी सप्ताह में करती है। -इसलिए आपके कंपनी से फॉर्म 16 मिलते ही तुरंत नहीं जमा करना चाहिए। -इस बीच आपका आय-व्यय का लेखा-जोखा भी काउंट हो जाता है।
विस्तृत जानकारी के लिए देखें आयकर विभाग की वेबसाइटपेनल्टी से बचने के लिए ऐसा करें एक्सपर्ट के मुताबिक इस बार ITR दाखिल करने में सुस्ती नहीं दिखाना चाहिए, तुरंत दाखिल करना पड़ेगा। अन्यथा 31 जुलाई तक ITR दाखिल नहीं करने पर 5 हजार रुपए जुर्माना और 1 दिसंबर तक फाइल नहीं करने वालों को 10 हजार रुपए का जुर्माना भी देना पड़ेगा।
आखिरी तारिख का इंतजार क्यों एक्सपर्ट के मुताबिक आखिरी तारिख का इंतजार नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऑनलाइन ITR दाखिल करने के दौरान सर्वर डाउन हो जाता है या स्लो हो जाता है, इस कारण कई लोगों का रिटर्न दाखिल नहीं हो पाता है।
किसके लिए कितनी पेनल्टी -एक्सपर्ट की माने तो जिन लोगों की सालाना कमाई 5 लाख रुपए तक है और वे रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं तो एक हजार रुपए पेनल्टी देना पड़ेगी। 5 इनकम के बारे में नहीं बताते हैं लोग
-जाने-अनजाने में लोग हमेशा पांच तरीकें की कमाई को बताना भूल जाते हैं। लेकिन, इस बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सख्त हो गया है, इसलिए यह आय भी बताना जरूरी कर दिया गया है। -इनकम टैक्स डिपार्टमेंट केवल आपके द्वारा दी गई जानकारी पर ही निर्भर नहीं रहता है, जबकि वह कई स्रोतों के जरिए भी जानकारियों हासिल कर लेता है।
-बचत खाते पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स के दायरे में आ जाता है। यदि बचत खाते पर मिलने वाला सालाना ब्याज दस हजार रुपए है तो इस पर कोई टैक्स देना नहीं पड़ेगा।
-पोस्ट ऑफिस के टर्म डिपाजिट के जरिए भी जो ब्याज मिलता है वह भी पूरा आयकर के दायरे में आता है। ITR फाइल करने के दौरान आपको इसका भी उल्लेख करना चाहिए। -रिकरिंग डिपॉजिट पर भी जो ब्याज मिलता है वह भी टैक्सेबल होता है। यदि आप ईमानदार करदाता हैं तो इसका भी उल्लेख कीजिए। नहीं तो बाद में आयकर विभाग को पता चलेगा तो पेनल्टी देना पड़ेगी।
-आपके किराएदार से मिलने वाला पैसा भी ITR को बताना चाहिए। कई नौकरी करने वाले लोग इस कमाई को नजर अंदाज कर देते हैं। चूंकि इसका जिक्र फॉर्म-16 में नहीं होता है। -यदि नाबालिग बच्चे भी विज्ञापन, किसी एड फिल्म, सीरियल अथवा फिल्म के जरिए कमाई करते हैं तो उस आय को माता-पिता की कमाई में जोड़ दिया जाता है, इस पर भी टैक्स देना पड़ता है।
यह भी है खास -मध्यप्रदेश में नोटबंदी के बाद 30 प्रतिशत आयकर दाता बढ़े हैं। -इंदौर में आयकर दाताओं की संख्या 5 लाख से अधिक हो गई है। -मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस बार 6 लाख 20 हजार 925 नए आयकरदाता जोड़ने का लक्ष्य। -मध्यप्रदेश में 16,64,808 लोग अब तक आयकर रिटर्न भर चुके हैं।