वार्ड बदलने से इनके सारे समीकरण ही बदल गए हैं। पहले किसी के क्षेत्र में सरकारी कर्मचारियों का बोलबाला था, तो अब झुग्गी वाला क्षेत्र आ गया है। किसी का ग्रामीण क्षेत्र था, तो उसका वार्ड अब शहरी क्षेत्र में हो गया हैं। ऐसे में अब इन्हें नए सिरे से अपनी तैयारी शुरू करनी पड़ रही है।
85 : वार्डों के लिए हो रहे चुनाव
05 : पूर्व पार्षदों के टिकट बरकरार रखे कांग्रेस ने
06 : पूर्व पार्षदों के पति-पत्नि को दिया है टिकिट
02 : पूर्व पार्षदों के क्षेत्र बदले कांग्रेस ने
05 : पूर्व पार्षदों को टिकट दिया भाजपा ने
05 : पूर्व पार्षदों के परिजनों को टिकट दिया भाजपा ने
04 : पूर्व पार्षदों के बदल दिए हैं क्षेत्र
ऐसे समझें दोनो पार्टियों की स्थिति-
भाजपा :-BJP
1) वार्ड- 13- मनोज राठौर
पूरा क्षेत्र बदल गया: मनोज राठौर पिछली परिषद में वार्ड सात से चुने गए थे। ये लालघाटी का क्षेत्र है, जबकि वार्ड 13 टीला जमालपुरा से जुड़ा है। पूरा क्षेत्र बदलने से अधिक मेहनत करना होगी।
2) वार्ड- 25- जगदीश यादव
अब बाणगंगा जैसा क्षेत्र: न्यू मार्केट के वार्ड 32 से पार्षद रहे। अब बाणगंगा- जवाहर चौक क्षेत्र के मतदाताओं के भरोसे होंगे। नए मतदाताओं के बीच इतने कम समय में जाना ही चुनौती है।
3) वार्ड- 37- वंदना हेमराज कुशवाह
नए पॉश इलाकों में जाना होगा: वार्ड 38 से कुशवाह के पति हेमराज कुशवाह वार्ड पार्षद रहे। पुराने वार्ड के पास ही है, लेकिन सुंदर नगर, स्वेदश नगर जैसे पॉश व प्रमुख क्षेत्रों में लोगों तक पहुंचना चुनौती है।
4) वार्ड- 83- रविंद्र यति
अपनों को रिझाना होगा: यति का पिछला वार्ड 80 रहा है। अब वे अपने निवास वाले वार्ड 83 में हैं। 2014 से 2019 तक वार्ड 80 में काम कराए, अब अपने ही वार्ड में अपने वालों के बीच मैदान में होना अलग चुनौती है।
कांग्रेस : Congress
1) वार्ड- 05-अशोक मारण
अब शहरी क्षेत्र जुड़ गया: वार्ड तीन में ग्रामीण क्षेत्र था, जबकि वार्ड पांच में संत हिरदाराम नगर से जुड़ा शहरी क्षेत्र भी शामिल है। चंचल चौराहा तक इसमें है। नए मतदाताओं को अपना पुराना काम बताना ही बड़ी चुनौती है।
2) वार्ड- 33- अमित शर्मा
अब स्लम इलाका साधाना होगा : वार्ड 31 से पार्षद थे। यह पूरा क्षेत्र सरकारी कर्मचारियों का था, जिसमें शर्मा की अच्छी पकड़ मानी जाती है। जबकि वार्ड 33 पूरी तरह से स्लम क्षेत्र है। यहां स्लम होने से संपत्तिकर भी कुछ नहीं आता। अब स्लम निवासियों को ये बताना कि वे उनके साथ हैं, बड़ी चुनौती है।
वार्ड वही, परिवार भी वही: कांग्रेस ने वार्ड 13 से मनोज मालवीय, वार्ड 27 से बीनू मोनू सक्सेना, वार्ड 30 से प्रवीण सक्सेना, वार्ड 34 से यशवंत यादव, वार्ड 62 से मनीष यादव को उनकी पत्नी या पति की जगह टिकट दिया है। इन्हें पुराने ही मतदाताओं के सामने जाना है।