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बड़े तालाब के बाद कलियासोत डैम ने दिखाई अपनी सरहद, अवैध कब्जों की खुली पोल

locationभोपालPublished: Aug 18, 2019 09:09:25 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

कब्जों को बचाने डैम से पानी छोडऩे का आरोप: जल संसाधन विभाग के ईई बोले-अतिक्रमण हटाने कई बार जिला प्रशासन को पत्र लिखे। कलियासोत डैम के बैक वाटर एरिया में किए गए आधा दर्जन से अधिक अवैध कब्जों में पहुंचा पानी

Increased water in pond and dam Illegal Encroachment exposed

भोपाल. इस मानसून सीजन में बड़े तालाब ( bada talab ) के बाद कलियासोत डैम ( Kaliasot Dam ) ने भी अपनी सरहद बता दी है। भदभदा गेट से पानी छोड़े जाने के बाद कलियासोत डैम के फुल टैंक लेवल (एफटीएल) के करीब पहुंचते ही इसके गेट खोल दिए गए। तीन साल बाद लबालब हुए डैम ने उसकी सीमा में किए गए अवैध कब्जों को सामने ला दिया और पानी की पहुंच वहां तक हो गई।

शनिवार दोपहर कलियासोत डैम के गेट खोले गए तो मौके पर पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एफटीएल यानी 505.67 मीटर से आधा मीटर कम पानी होने के बावजूद गेट खोले जाने पर आपत्ति जताई। उनका आरोप था कि जल संसाधन विभाग डैम के बैक वॉटर क्षेत्र में किए गए अतिक्रमणों को बचाने के लिए डैम से पानी छोड़ रहा है। इस मामले में जल संसाधन विभाग के अधिकारी तकनीकी कारणों को गेट खोले जाने की वजह बताते रहे।

अवैध कब्जों के संबंध में उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। विरोध बढ़ता देख शाम को डैम के गेट बंद कर दिए गए। गौरतलब है कि वर्ष 2016 में कलियासोत डैम के गेट खोले गए थे। इसके बाद मानसून के कमजोर रहने से पर्याप्त पानी नहीं आ सका। जल स्तर कम होने से डैम के बैक वाटर वाले क्षेत्र में अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा लिया।

 

 

बेफिक्र सरकारी विभाग

एक्टिविस्ट नूर मोहम्मद खान का कहना है कि 13 शटर से वाल्मी की ओर जाने वाली सडक़ किनारे डैम के बैक वाटर की जमीन को मिट्टी और मलबे से पाट दिया गया है। इस गड़बड़झाले को छिपाने के लिए यहां कई मीटर लंबी हरी नेट लगाई गई है। डैम की जमीन को कब्जे में लेने के लिए फैंसिंग की गई है। जब इस संबंध में जल संसाधन विभाग के ईई अशोक सक्सेना से बात की गई तो पहले उन्होंने इसे टालने की कोशिश की, पर जोर देने पर उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन को कई पत्र लिखे हैं, पर कार्रवाई नहीं की गई। डैम का जिम्मा जल संसाधन विभाग के पास है, पर इससे सटा वन क्षेत्र भी है, जहां वन्य प्राणी विचरण करते हैं।

रेस्टोरेंट-डेयरी समेत गार्डन तान लिए

डैम में पानी कम होने का फायदा उठाते हुए 13 शटरसे बुल मदर फार्म के बीच छह से अधिक बड़े अतिक्रमण किए गए। यहां कई बरसों से अवैध डेयरी का संचालन हो रहा है। इसके साथ ही तीन बड़े रेस्टोरेंट तामीर कर लिए गए हैं। गार्डन के नाम पर डैम की जमीन पर बेरोकटोक कब्जा किया गया। अतिक्रमण को छिपाने ग्रीन नेट लगाई गई है। डैम का जल स्तर बढते ही पानी की पहुंच इन अवैध कब्जों तक हो गई है।

कलियासोत के तीन तो भदभदा के दो गेट खोले

बड़े तालाब के फुल टैंक लेवल (एफटीएल) 1666.80 फीट को बनाए रखने के लिए शनिवार को भदभदा के दो गेट खोले गए। पहला गेट दोपहर एक से शाम 4:30 तक खुला रहा। वहीं दूसरे गेट से पानी निकासी शाम 6:30 बजे तक जारी रही। इधर, कलियासोत डैम के दो गेट खोले गए। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शनिवार दोपहर 1:30 बजे से डैम के तीन गेट खोले गए। आधे घंटे बाद दो गेट बंद कर दिए गए। अंतिम तीसरागेट दोपहर तीन बजे बंद किया गया। इस दौरान यहां से करीब 6600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
कब्जों पर बाद में करेंगे बात

शनिवार को भदभदा के दो गेट खोले गए थे, इसलिए कलियासोत डैम से पानी निकाला गया। हमने स्थिति संभालने के लिए 15 सेमी का कॉशन रखा है। अभी हम डैम की स्थिति देख रहे हैं। यहां किए गए कब्जों पर बाद में बात करेंगे। कलियासोत के बैक वॉटर एरिया में कुछ कब्जे हैं। विभाग की ओर से इन्हें नोटिस जारी किए हैं। जिला प्रशासन को भी पत्र लिखे हैं। – अशोक सक्सेना, ईई, जल संसाधन विभाग, भोपाल
जल संसाधन विभाग के ईई की ओर से जिला प्रशासन पत्र में क्या लिखा गया है, इसकी जानकारी निकाली जाएगी।
– तरुण पिथोड़े, कलेक्टर

पानी के पास जाने के लिए जिंदगी से खिलवाड़
इधर, चेतावनियों को दरकिनार कर भदभदा, कलियासोत और केरवा डैम में पानी के पास सैलानियों का जमघट लगा रहा। गेट खुलने का नजारा देखने के लिए भदभदा, कलियासोत व केरवा डैम पर लोगों का हुजूम उमड़ा। कलियासोत डैम में मंदिर की ओर लोग जिंदगी से खिलवाड़ करते हुए सेल्फ ी लेते नजर आए। यहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे।
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