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चार्ल्स कोरिया को सीएम ने दी श्रद्धांजलि, कहा- विधानसभा और भारत भवन हमेशा आपकी याद दिलाते रहेंगे

locationभोपालPublished: Jun 16, 2021 03:42:04 pm

Submitted by:

Manish Gite

चार्ल्स कोरिया की पुण्य तिथि पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने याद किया, कहा- भारत भवन और विधानसभा आपकी याद दिलाते रहेंगे…।

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भारतीय आर्किटेक चार्ल्स कोरिया की पुण्य तिथि पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी श्रद्धांजलि।

भोपाल। देश में जब-जब भी प्रमुख भवनों के डिजाइन की बात होती है तो पद्मश्री चार्ल्स कोरिया (Indian architect) का नाम जरूर आता है। चार्ल्स कोरिया के डिजाइन से ही भारत के कई भवनों को आधुनिक रूप मिला। मध्यप्रदेश की राजधानी में स्थित भारत भवन (bharat bhawan) और विधानसभा भवन (vidhan sabha) का डिजाइन भी चार्ल्स कोरिया की ही देन है।

patrika.com देश के जाने-माने आर्किटेक चार्ल्स कोरिया की पुण्य तिथि पर आपको बता रहा है उनसे बनाए भवनों के बारे में, जिनका डिजाइन दुनियाभर में चर्चित रहता है…।

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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chauhan) ने बुधवार को भारतीय आर्किटेक की पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि महान भारतीय वास्तुकार चार्ल्स कोरिया की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

चौहान ने लिखा है कि ‘आपके जादुई स्पर्श से जीवंत भोपाल का विधानसभा भवन, भारत भवन तथा अहमदाबाद का महात्मा गांधी म्यूजियम आपकी स्मृतियों को सदैव अक्षुण्ण बनाए रखेगा। आपके ज्ञान और योगदान का यह देश सदैव ऋणि रहेगा।

 

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पद्मश्री और पद्मविभूषण से सम्मानित हुए

1 सितंबर 1930 में सिंकदराबाद में जन्मे चार्ल्स कोरिया की गिनती ऐसी शख्सियतों में होती है, जिन्होंने कल्पनाओं को आधुनिक रूप देकर भारत के प्रमुख भवनों को नया रूप दिया। यही कारण है कि कोरिया को 1972 में पद्मश्री से नवाजा गया और 2006 में उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया।

 

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डिजाइन की होती है तारीफ

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सबसे हटकर है भारत भवन

देश के सबसे अनूठे राष्‍ट्रीय भवनों में से एक है भारत भवन। 1982 में स्‍थापित इस भवन में अनेक रचनात्‍मक कलाओं का प्रदर्शन होता है। श्यामला पहाड़ियों पर स्थित यह भवन पारंपरिक शास्‍त्रीय कलाओं के संरक्षण का प्रमुख केन्‍द्र है। इस भवन में म्‍युजियम ऑफ आर्ट, आर्ट गैलरी, ललित कलाओं की कार्यशाला, भारतीय काव्‍य पुस्‍तकालय आदि शामिल हैं। इनके नाम हैं रूपांकर, रंगमंडल, वगर्थ और अनहद।

 

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