पढ़ें ये खास खबर- विकास दुबे की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने कहा- ‘क्रोनोलॉजी समझिए, गृहमंत्री का है कानपुर कनेक्शन’
प्लांट करेगा सालाना 24.82 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन
सोलर प्लांट डीसी बिजली उत्पन्न करेगा, जो एक इनवर्टर के माध्यम से एसी में परिवर्तित होकर ट्रांसफार्मर के जरिये 25 केवी एसी ऊर्जा को ओवरहेड ट्रेनों के ऊपर लगे बिजली के तारों में सप्लाई करेगा। इस सोलर प्लांट से सालाना 24.82 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा। जिसकी वजह से रेलवे को सालाना इस प्लांट से करीब 1.37 करोड़ रुपए बिजली बिल की बचत होगी। आपको बता दें कि, इस परियोजना की नीव पिछले साल नवंबर माह में रखी गई थी। फिलहाल, बीना सोलर पावर प्लांट का परीक्षण शुरु कर दिया गया है।
पढ़ें ये खास खबर- भाजपा नेता की आतंकियों ने कर दी गोली मारकर हत्या, सीएम शिवराज ने इस तरह जताया दुख
रेलवे की होगी 1.37 करोड़ रुपये बिजली बिल में बचत!
इस संयंत्र की मदद से 1.37 करोड़ रुपये की बचत होगी। रेलवे छत्तीसगढ़ के भिलाई में भी अपनी खाली जमीन पर 50 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगा रहा है। इसे भी केंद्र की ट्रांसमिशन यूटिलिटी से जोड़ा जाएगा। यहां मार्च 2021 तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। हरियाणा के दीवाना में दो मेगावाट के सौर ऊर्जा संंयंत्र में उत्पादन इस साल 31 अगस्त तक शुरू होने की उम्मीद है।
पढ़ें ये खास खबर- Bakra Eid 2020 : इस बार ऑनलाइन हो रही है बकरों की बिक्री, व्हाट्सएप पर हो रही डील
अब तक इस व्यवस्था से की जारी ट्रेनों में करंट की आपूर्ति
सौर ऊर्जा बनाने के लिए भारतीय रेलवे ने कुछ डिब्बों की छत पर भी सोलर पैनल लगाए हैं। इनसे ट्रेन के डिब्बों में इस्तेमाल होने वाली बिजली की आपूर्ति की जा रही है। लेकिन अब तक किसी भी रेलवे नेटवर्क में ट्रेनों को चलाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग नहीं हुआ था। रेलवे के अधिकारियों की मानें, तो कुल तीन गीगावाट की क्षमता वाला सोलर पावर प्लांट योजना के तहत लगाने की तैयारी की गई है। ये पावर प्लांट सीधे इंजनों तक करंट लप्लाई देंगे। इन्हें तैयार करने में करीब दो से तीन साल का समय लग सकता है। इसके लिए पहले ही टेंडर्स आमंत्रित किए जा चुके हैं।