इससे पहले जो बातें सामने आईं थीं उनके अनुसार पार्टी अध्यक्ष अमित शाह खुद भोपाल में रहकर बनने वाले पावर सेंटर की कमान संभालेंगे। ऐसे में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में उन्हें सरकारी बंगला भी एलॉट कर दिया गया। भोपाल में 74 बंगला में बी-12 नंबर का यह बंगला मेघराज जैन के नाम आवंटित था।
कहा जा रहा था कि यहीं बैठकर अमित शाह और उनकी टीम चुनावी रणनीति बनाएगी और पूरे अभियान की मनिटरिंग करेगी।
इसलिए किया जा रहा है बदलाव…
वहीं अब बताया जा रहा है कि भोपाल से केवल 4 शहरों के लिए एयर कनेक्टिविटी होने की वजह से इंदौर को चुना गया। चुकिं इंदौर से रोजाना 13 शहरों के लिए नियमित फ्लाइट हैं। ऐसे में इंदौर में बेस कैंप बनाने से अमित शाह जयपुर ,रायपुर और भोपाल प्रतिदिन आ जा सकेंगे। ऐसे में अब इंदौर में लोकेशन की तलाश की जा रही है।
दरअसल, मध्य प्रदेश में भाजपा को चौथी बार भी सत्ता में लाने के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कमर कस ली है। भाजपा की केंद्र में सरकार बनने के बाद यह मध्यप्रदेश में यह पहला विधानसभा चुनाव है। इससे पहले वर्ष 2014 के लोकसभा में बहुमत हासिल सरकार बनाने के बाद शाह और मोदी की जोड़ी ने कई राज्यों पर जीत हासिल की।
लेकिन पिछले कुछ चुनावों में कांग्रेस ने भी मोदी शाह के इस संकल्प को टक्कर दी है, ऐसे में कहा जा रहा है कि इसी साल तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की चिंता अमित शाह को सता रही है।
जानकारों के अनुसार ऐसे में आगामी तीन प्रदेशों में होने वाले चुनावों को देखते हुए अमित शाह ने भाजपा का पावर सेंटर मध्यप्रदेश में शिफ्ट किया, ताकि तीनों प्रदेशों पर लगातार निगरानी रखी जा सके। वहीं यह भी माना जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव पर तीन राज्यों के परिणाम बड़ा असर डालेंगे। इसी के चलते शाह किसी भी प्रकार की कोई चूक नहीं चाहते।
वहीं सामने आ रही सूचनाओं के अनुसार चुनाव ठीक पहले यह फैसला लिया गया कि अब शाह मध्यप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव होने के कारण इंदौर से ही इन राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे।
दरअसल मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ और राजस्थान इन तीन राज्यों में साल के अंत में चुनाव होना है। तीनों राज्यों की सीमा एक दूसरे लगी हुई हैं और मध्य में भोपाल होने के कारण यह फिट बैठता है, इसी के चलते पूर्व में भोपाल को चुना गया था। लेकिन एयर कनेक्टिविटी की कमी के कारण काऱण शाह ने इंदौर का फैसला लिया है। अब शाह यहीं से तीनों राज्यों को संभालेंगे यानि यहीं बैठकर इन तीनों राज्यों के लिए रणनीति तैयार की जाएगी और फिर उस पर यहीं से अमल भी किया जाएगा। इसके अलावा ही सोशल मीडिया का सेंटर भी यहां लगातार काम करेगा।