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बढ़ेगी महंगाई, उद्योगपतियों से लेकर आम जनता तक होगा असर

locationभोपालPublished: Sep 08, 2018 09:26:47 am

Submitted by:

Krishna singh

72 रुपए का हुआ एक डॉलर … डॉलर के रेट बढऩे से आयात में 5 से 6 प्रतिशत राशि अधिक हो रही खर्च

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bhopal

भोपाल. डॉलर की तुलना में रुपए की विनिमय दर 72 रुपए के आसपास पहुंचने से विदेशों से जरूरत का सामान उपलब्ध कराने वाले आयातकों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें ज्यादा डॉलर (बदलकर रुपए) देना पड़ रहा है। डॉलर के रेट बढऩे से आयात आधारित उद्योगों को 5 से 6 से प्रतिशत ज्यादा राशि खर्च करनी पड़ रही है। भोपाल और मंडीदीप के उद्योगों से 15,000 करोड़ रुपए का सामान सालाना निर्यात होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि डॉलर के रेट बढऩे के बावजूद विदेशी करेंसी आसानी से उपलब्ध हो रही है, फिर भी आयातकों को ज्यादा डॉलर चुकाना पड़ रहा है।
प्रदेश में सामान निर्यात-आयात की स्थिति
प्रदेश के भोपाल, पीथमपुर, मंडीदीप, बुधनी, इंदौर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों से यार्न, इंसूलेटर, ग्रेफाइट रॉड, हाइड्रो जनरेटर, इंजीनियरिंग गुड्स, फार्मास्यूटिकल, फूड प्रोडक्ट्स, खड़ा अनाज, मिनरल्स, सीमेंट, स्टोन, चमड़ा उत्पाद, रेडीमेट गारमेंट्स, पावर जेनरेशन इक्यूपमेंट जैसे उत्पादों का प्रमुख रूप से निर्यात होता है। जबकि इंजीनियरिंग कम्पोनेंट, इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर, हैवी मशीनरी सहित उद्योगों में लगने वाले रॉ मटेरियल का आयात किया जाता है। इसी वजह से स्थिति बिगड़ी है।
भोपाल व मंडीदीप से इन देशों में होता है निर्यात
भोपाल और मंडीदीप से ब्रिटेन, कनाडा, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, भूटान, नेपाल, इराक, रूस, दुबई सहित अफ्रीकी देशों में माल का निर्यात होता है।

इस तरह समझें किसे फायदा, किसे नुकसान
150 से अधिक निर्यातक हैं भोपाल डिवीजन में
15 हजार करोड़ का सालाना निर्यात भोपाल मंडीदीप से
5 फीसदी तक फायदा हो रहा निर्यातकों को
5 से 6 फीसदी तक नुकसान हो रहा आयातकों को
71.73 के भाव पर बंद हुआ शुक्रवार को डॉलर
-डॉलर में उछाल से निर्यातकों को फायदा, आयातकों को देनी पड़ रही हाइ वैल्यू।
इम्पोर्टेड सामान महंगा हो जाएगा। विदेशों में घूमना, वहां बच्चों की शिक्षा, सोना, कच्चा तेल महंगा हो जाएगा। डीजल-पेट्रोल के दाम और बढ़ेंगे। माल भाड़ा बढ़ेगा। इससे खुदरा महंगाई बढ़ेगी। आरबीआइ ब्याज दरें बढ़ाता है तो होम व ऑटो लोन महंगे हो जाएंगे। आम आदमी को अपने खर्चे कम करना होगा। सरकार वस्तुओं पर लगने वाली इम्पोर्ट ड्यूटी और टैक्स को कम करे, तभी महंगाई पर कुछ कंट्रोल किया जा सकता है।
-आदित्य मनयां जैन, मार्केट एक्सपर्ट
पिछले साल 110 करोड़ के खिलौने चीन से आयात किए गए जो कि गैर जरूरी है। इस तरह की वस्तुओं का उपयोग बंद करना होगा। डॉलर की तेजी से उद्योगों को नुकसान हो रहा है।
डॉ. राधाशरण गोस्वामी, निर्यातक एवं चेयरमैन, मप्र फेडरेशन

आयातित मटेरियल महंगे हो रहे हैं। इम्पोर्ट गुड्स पर हाई वैल्यू पे करना पड़ रहा है। बड़े उद्योगपतियों के ऋण नहीं चुकाने और विदेश भागने से बैंकों ने सख्ती कर दी है। इसका असर हो रहा है।
डीके जैन, अध्यक्ष, मंडीदीप इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
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