इस संबंध में केन्द्र के आईटी डिपार्टमेंट ने प्रदेश सहित अन्य राज्यों के सभी विभागों से 3 फरवरी को कान्फ्रेंस की। इसमें विभागों के अधिकारियों को बताया गया है कि जानकारी किस फार्मेट में होगी। केन्द्र सरकार सारे राज्यों के विभिन्न विभागों की जानकारी अपने गति शक्ति पोर्टल पर अपलोड करेगी। निर्माण, विकास, पर्यटन, जल संसाधन, पर्यावरण, माइनिंग, लोक निर्माण विभाग, राजस्व, वन विभाग सहित अन्य विभागों को अपने विभाग से जुड़ी सभी जानकारी भेजने के साथ समय-समय पर अपडेट देना होगा।
इसके साथ ही यह भी बताना होगा कि जो परियोजना चल रही हैं उनसे कितने जिलों, तहसीलों और उद्योगों को लाभ मिलेगा। यहां तक कि पीने के लिए डाली गई पाइप लाइन की मैपिंग भी बतानी होगी, जिसमें उन्हें यह बताना होगा कि पाइप का व्यास कितना है। कितने लोगों को इससे पानी की सप्लाई की जा रही है। प्रदेश में कितने बांध, नदियां हैं, उसमें पानी की क्या स्थिति है, जिसमें बारिश और उससे पहले यह बताना होगा कितने भरे हैं और कितने बांध खाली हैं।
बजट और प्लानिंग में सरकार को मदद
सभी विभागों की मैपिंग होने के बाद सरकार को बजट तैयार करने, विकास कार्यों की प्लानिंग करने में मदद मिलेगी। पोर्टल पर उपलब्ध डाटा के आधार पर सरकार व आम जनता को क्षेत्रों की जानकारी मिल सकेगी।
आम लोगों के लिए भी होगा पोर्टल
गति शक्ति पोर्टल आम लोगों के लिए भी खुला रहेगा। जिससे उद्योग लगाने वाले पर्यटन करने वाले लोग किसी भी जिले के पर्यटन क्षेत्र की जानकारी के साथ रोड, रेल लाइन और हवाई पट्टी के संबंध में जानकारी ले सकें। औद्योगिक क्षेत्रों और वहां पर खाली प्लाटों के संबंध में सटीक जानकारी उन्हें पोर्टल के जरिए मिल सकेगी। वहीं वनों की जानकारी उपलब्ध होने पर लोगों को उद्योग लगाने अथवा वन क्षेत्रों से निकलने वाली पाइप लाइन के संबंध में यह पता चल सके कि वन क्षेत्र के कितने एरिया से पाइप लाइन गुजरेगी।