भोपाल

इंफ्रा प्रोजेक्ट में लेटलतीफी,पीडब्ल्यूडी नहीं अपना पाया एनएचएआइ फार्मूला

एनएचएआई ने सिंगारचोली ब्रिज समय-सीमा से किया पूरा

भोपालJan 22, 2019 / 07:35 pm

Rohit verma

इंफ्रा प्रोजेक्ट में लेटलतीफी,पीडब्ल्यूडी नहीं अपना पाया एनएचएआइ फार्मूला

भोपाल. शहर में तीन बड़े रेलवे ओवर ब्रिज बनाने में हांफ रहा लोक निर्माण विभाग तमाम कोशिशों के बावजूद दिसंबर 2018 की डेडलाइन में बावडिय़ा और सुभाष नगर आरओबी तैयार नहीं कर सका। इधर अगस्त 2017 में काम शुरू कर नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने सिंगारचोली ब्रिज का एक हिस्सा दिसंबर 2018 की डेडलाइन से पहले नवंबर में ही पूरा कर लिया। दोनों निर्माण एजेंसियां प्रायवेट कंस्ट्रक्शन कंपनी के भरोसे अपने प्रोजेक्ट पूरे करने की रेस में शामिल हैं लेकिन एनएचएआई ने लोनिवि को पीछे छोड़ दिया।

एनएएआई की इस सफलता में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव रहे मोहम्मद सुलेमान का खास सहयोग रहा। एनएचएआई के स्टेड हेड एमके जैन खुद मौके पर खड़े होकर प्रतिदिन काम का मुआयना करते रहे। इधर पीडब्ल्यूडी के आला अफसर अपने ही विभाग के प्रमुख सचिव सुलेमान से दूरी बनाए बैठे रहे जिसके चलते बावडिय़ा, सुभाष नगर आरओबी पूरे नहीं हो सके।

 

एक नजर में तीन प्रोजेक्ट
सिंगारचोली आरओबी : 211 करोड़ रुपए लागत वाले इस प्रोजेक्ट पर अगस्त 2017 में एनएचएआई ने काम चालू किया। पीडब्ल्यूडी प्रमुख सचिव सुलेमान ने पुलिस, प्रशासन, बीएमसी, रेलवे की संयुक्त बैठक कर फैसले करवाए और तेजी से काम आगे बढ़ता रहा। नवंबर 2018 के आखिर में ब्रिज जनता को मिल गया।

बावडिय़ा आरओबी
होशंगाबाद रोड को कोलार, त्रिलंगा, गुलमोहर, बावडियाकला, दानापानी से जोडऩे के लिए पुराने फाटक के पास 38.50 करोड़ रुपए की लागत से ब्रिज बन रहा है। प्रोजेक्ट 2018 जनवरी में पूरा होना था। पहले निजी जमीन, फिर सर्विस रोड विवाद काम टलने से तीसरी बार समय सीमा बढ़ी।

 

सुभाष नगर आरओबी
अंडरब्रिज और फाटक की समस्या के चलते यहां 40 करोड़ रुपए की लागत से 600 मीटर लंबे और 12 मीटर चौड़े रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण हो रहा है। यहां पीडब्ल्यूडी ने अपने हिस्से का 75 प्रतिशत काम कर लिया है जबकि रेलवे के हिस्से की गर्डर लांचिंग टल रही है।

पीडब्ल्यूडी इएनसी का उदासीन रवैया
पीडब्ल्यूडी के ईएनसी अखिलेश अग्रवाल लोकल प्रोजेक्ट की समीक्षा नहीं करते हैं जबकि एनएचएआई स्टेड हेड खुद मौके पर जाकर प्रतिदिन निगरानी करते रहे। पीडब्ल्यूडी ईएनसी कार्यालय केवल टेंडर, ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए ही प्रमुख सचिव कार्यालय से संपर्क करता है। काम तेजी से निपटाए जाते हैं।

सिंगारचोली सहित सिक्सलेन प्रोजेक्ट को पूरा करने में शासन एवं प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान की टीम का सहयोग महत्वपूर्ण है। समय सीमा में काम पूरा करने के लिए एनएचएआई प्रयासरत है।
आरके जैन, स्टेट हेड, एनएएआई

एनएचएआई के प्रोजेक्ट और हमारे प्रोजेक्ट की समस्याएं अलग हैं। सिंगारचोली तो पहले पांच साल तक अटका रहा। हमारे प्रोजेक्ट में कई जगह जलापूर्ति लाइन और बिजली के खंभों को शिफ्ट किया जाना है इसलिए इसमें वक्त लग रहा है।
अखिलेश अग्रवाल, ईएनसी पीडब्ल्यूडी

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