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पीएम मोदी ने पूर्व आईएफएस के पत्र पर दिया ऐसा जवाब, कि सक्ते में आई सरकार!

locationभोपालPublished: May 28, 2018 01:31:09 pm

पूर्व आईएफएस के पत्र पर पीएम मोदी ने दिया ऐसा जवाब, कि सक्ते में आई सरकार!…

PM Modi on action mode

पीएम मोदी ने पूर्व आईएफएस के पत्र पर दिया ऐसा जवाब, कि सक्ते में आई सरकार!

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने की बात तो आपने कई बार सुनी होगी। कई बार उनके द्वारा इन पत्रों का जबाव देने की बात भी सामने आती है। लेकिन इस बार तो पत्र के बाद जवाब के रूप में जांच का मामला समाने आया है।
दरअसल एक रिटायर आईएफएस के मोदी को लिखे पत्र में मध्यप्रदेश को 122 हजार करोड़ की पर्यावरण क्षति पहुंचने की बात कहीं गई है। पत्र के मुताबिक प्रदेश सरकार द्वारा कुछ निजी कंपनियों को फायदे पहुंचाने के लिए वनभूमि को राजस्व बताकर आवंटित कर दिया गया है।
ये जानकारी एक रिटायर एपीसीसीएफ अफसर जेपी शर्मा ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर दी गई। उन्होंने पत्र में इसका कारण बताते हुए लिखा कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कंपनियों को ‘नेट प्रजेंट वेल्यू’ ना देना पड़े।
Former IFS शर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नियम को ताक पर रखते हुए वनों की भूमि को राजस्व बताकर आवंटित किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नही जब नर्मदा महज एक बरसाती नदी बनकर रह जाएगी।
जिसके बाद मध्यप्रदेश और गुजरात के लोगों को जीवन यापन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। रायसेन जिले के तामोट में बने प्लास्टिक पार्क से कैंसर फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। इस औद्योगिक क्षेत्र से वायु, जल और भूमि तीनों प्रदूषित होंगें और कैंसर का खतरा धीरे धीरे बढ़ने लगेगा।
इस पूरे मामले में खास बात ये सामने आई कि प्रधानमंत्री मोदी ने शर्मा द्वारा भेजे गए दस्तावेजों और आकंड़ों पर गौर करने के बाद मामले को संज्ञान लेते हुए पीएमओ ने जांच के आदेश दिए है और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

इधर, दिग्विजय बोले MP की ब्यूरोक्रेसी चला रही धंधा :-
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश चुनाव समन्वय समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह का कहना है कि मध्य प्रदेश में प्रशासन चलाने के बजाय ब्यूरोक्रेसी व्यवसाय कर रही है। यह बात उन्होंने एक इन्र्टव्यू के दौरान कही। दिग्विजय का कहना है कि जैसा घुड़सवार होता है, ब्यूरोक्रेसी वैसा ही काम करती है। ऐसे में आम जनता की आवाज और कसाई कौन सुनेगा,यह सबसे बड़ा सवाल है और इस पर मुख्यमंत्री का ध्यान ही नहीं है।
दिग्विजय बोले कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की 500 घोषणाओं में से ज्यादातर पूरी नहीं हुई। भाषणों में शिवराज जो कुछ कहते हैं ,कभी पूरा नहीं होता और इससे सरकार की विश्वसनीयता खत्म हो गई है।
नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान पौधारोपण, अवैध रेत उत्खनन, रायल्टी की चोरी और भ्रष्टाचार चरम पर है।सरकार जनता की मूलभूत समस्या भूलकर उत्सव मनाने में लगी है। अपनी एकता यात्रा के बारे में पूछे जाने पर दिग्विजय ने कहा कि इसका उद्देश्य गांव गांव तक पहले लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक मंच पर लाना है और सभी कांग्रेसियों को एक करना है।
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