उन्होंने और भी बोरे खुलवाकर जांच कराई और सैम्पल भी भरवाए। मौके पर ही उन्होंने खाद्य विभाग के अधिकारियों को भी बुला लिया और कहा-जो पहले होता था, वो अब नहीं चलेगा। गरीबों को साफ सुथरा गेहूं-चावल वितरण किया जाए। इसकी जिम्मेदारी नान और खाद्य विभाग की है। देर शाम जांच के बाद दोनों दुकानों में गड़बड़ी पाए जाने पर सस्पेंड कर दिया गया। हुमा महिला उप भंडार पर राशन के कोटे में गड़बड़ी भी मिली है। दूसरी दुकान का नाम नगीना महिला उपभोक्ता भंडार है। मंत्री ने जिला आपूर्ति नियंत्रक से पूछा कि चावल-गेहूं कहां से आता है। उन्होंने बताया कि नागरिक आपूर्ति निगम से। इसके बाद मंत्री ने उन्हें भी बुलाने के निर्देश दिए। कुछ देर बाद नान के अफसर भी मौके पर आ गए। मंत्री ने नान के अफसरों से पूछा कि मिट्टी मिला गेहूं कैसे आ रहा है़? आप लोग क्या करते हैं? इसके बाद उन्होंने राशन दुकान पर रखी सभी राशन की बोरियों की जांच कराई।
उपभोक्ताओं ने बताया समय पर राशन नहीं मिलता
मंत्री तोमर को उपभोक्ताओं ने बताया गया कि समय पर राशन नहीं मिलता, घंटों इंतजार करना पड़ता है। इस पर मंत्री ने दुकान संचालक से पूछा कि जब समय पर राशन आ जाता है तो इन्हें क्यों देरी से मिलता है। इस पर दुकान संचालक ने बताया कि सर्वर के चलते परेशानी होती है। दुकान संचालक की बात सुनते ही मंत्री ने पूछा सर्वर कब रहता है। दुकान संचालक ने कहा सुबह। यह सुनते ही उन्होंने कहा कि दुकान सुबह आठ बजे से खोलें। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।