भोपाल

उजाला बदलने में आंखों के सामने छा गया अंधेरा

केन्द्र की योजना के तहत बेचे गए थे एलईडी बल्ब

भोपालSep 03, 2018 / 02:52 pm

दिनेश भदौरिया

भोपाल. केन्द्र सरकार द्वारा बिजली की बचत को प्रोत्साहित करने के लिए चलाई गई एलईडी उजाला योजना ने बचत तो की, लेकिन जिन लोगों ने एलईडी बल्ब खरीदे, उन्हें बदलने के लिए महीनों चक्कर काटने पड़ रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि राजधानी में ऊर्जा विकास निगम मुख्यालय के सिवा अन्य केन्द्रों पर खराब एलईडी बदलने की सुविधा नहीं है। ऊर्जा विकास निगम मुख्यालय दूर होने के चलते कई लोग तो फ्यूज एलईडी इसलिए नहीं बदल रहे कि जितना किराया और समय खर्च होगा, बल्ब तो उससे कम कीमत के ही हैं। परेशान होने और लाइन में लगने से अच्छा वे नया बल्ब ही खरीद लें।

ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने उपक्रम ईईएसएल (एनर्जी एफिसिएंट सर्विसेज लिमिटेड) के माध्यम से पूरे देश में एलईडी बल्ब बेचने की उजाला योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत ईईएसएल ने देश के सभी राज्यों में उनके ऊर्जा विभाग के माध्यम से एलईडी बल्ब बाजार से कम कीमत पर बिक्री करवाए। ईईएसएल ने ही टेंडर प्रक्रिया कर अलग-अलग कंपनियों से एलईडी बल्ब की खरीद करवाकर राज्यों में भेजे। एलईडी आपूर्ति करने वाली कंपनियों में क्रॉम्पटन ग्रीव्स, फिलिप्स, एवरेडी जैसे ब्रांड भी शामिल थे। आधिकारिक रूप से बताया कि ईईएसएल के लोगों ने शहर में कई स्थानों पर काउंटर लगाकर बल्ब बेचे। मप्र ऊर्जा विकास निगम ने अपने डिवीजनल सेंटर्स पर ईईएसएल के लोगों को बल्ब बेचने के लिए सुविधा उपलब्ध कराई। पोस्ट ऑफिस से भी बल्ब बेचे गए।

९ वॉट के एलईडी बल्ब को ७० रुपए में बेचा गया। इन बल्बों की गारंटी तीन साल की थी। कुछ महीनों बाद जब एलईडी फ्यू०ज हुईं तो लोग इन्हें बदलने उन्हीं काउंटर्स पर पहुंचे, जहां से बल्ब खरीदे गए थे। इन काउंटर्स का अब अता-पता नहीं चल रहा है। इस समय खराब एलईडी बल्ब केवल मप्र ऊर्जा विकास निगम के लिंक रोड २, शिवाजी नगर स्थित मुख्यालय पर ही बदले जा रहे हैं। कुछ लोग तो बल्ब बदलने के लिए महीनों से चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन फ्यूज एलईडी बल्ब बदले नहीं जा सके।

कच्ची मस्जिद, शाहजहांनाबाद निवासी अनीस अहमद ने जीपीओ से १८ एलईडी बल्ब खरीदे थे। इनमें से ७ बल्ब खराब हो गए। अनीस का कहना है कि वह छह महीनों से बल्ब बदलने के लिए चक्कर काट रहा है। कोई ठीक से जवाब नहीं दे रहा। जिसके पास भी जाते हैं, वह कह देता है कि जब बल्ब आएंगे, तब मिल जाएंगे। कोहेफिजा निवासी चंद्रप्रकाश का कहना है कि उन्होंने रॉयल मार्केट स्थित बिजली दफ्तर से दो बल्ब खरीदे थे। दोनों की बल्ब खराब हो गए। अब वहां कोई इनके बारे में बताने वाला नहीं है। उनका कहना है कि १४० रुपए के दो बल्ब बदलने यदि शिवाजी नगर ऊर्जा विकास निगम मुख्यालय आकर जितना किराया फूकेंगे और लाइन में लगकर समय बर्बाद करेंगे, इससे कम में तो नए बल्ब आ जाएंगे। इस तरह के शहर में तमाम मामले हैं।

अब बनेंगे नए सेंटर्स
ईईएसएल की ओर से बल्ब बेचने वालों को मध्यप्रदेश से हटा दिया गया है। अब ऊर्जा विकास निगम विद्युत केन्द्रों पर उजाला एलईडी बेचने व बदलवाने का कार्य करवाएगी। भोपाल समेत पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था लागू की जा रही है। भोपाल में ऊर्जा विकास निगम मुख्यालय के अलावा सभी डिवीजनल सेंटर्स पर यह व्यवस्था शुरू की जा रही है।

बेच दिए गए थे नकली बल्ब
उजाला योजना से जुड़े ऊर्जा विकास निगम के अधिकारियों का भी मानना है कि योजना में फर्जीवाड़ा करने वालों ने कुछ नकली बल्ब भी बेच डाले। इंदौर में एक बल्ब बनाने की फैक्टरी पकड़ी गई थी, जिसमें उजाला योजना की हू-ब-हू नकल करके उजाला योजना, मप्र ऊर्जा विकास निगम, ईईएसएल ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार आदि छापा गया था। उसे देखकर कोई कह ही नहीं सकता था कि ये बल्ब नकली है।

फ्लक्चुएशन से हुए खराब
अधिकारियों का मानना है कि उजाला योजना के तहत खराब बल्बों की शिकायत ज्यादातर उन्हीं जगहों से आई है, जहां पर चोरी की बिजली जलाई जाती है। होशंगाबाद, पिपरिया, काला पीपल आदि क्षेत्रों और शहर के घनी बस्ती या झुग्गी बस्ती इलाकों से इस तरह की शिकायतें अधिक आईं। पानी भरने से भी कुछ बल्ब खराब हुए। शालीमार एन्क्लेव में ६०० उजाला एलईडी बल्ब लगाए गए थे। दो वर्षों में यहां महज एक ही एलईडी बल्ब खराब हुआ।

आंकड़ों पर नजर
– मप्र में कुल बेचे गए एलईडी बल्ब : १.७३ करोड़
– एक साल में बिजली की बचत : ३५० यूनिट
– एक साल में रुपयों की बचत : २२०० करोड़
– ०९ वाट एलईडी बल्ब की कीमत: ७० रुपए

इन बल्बों की टेंडर, भुगतान, सप्लाई प्रक्रिया में केन्द्र से देरी हो गई थी, जिससे खराब बल्ब नहीं बदले जा सके। ईईएसएल के लोगों को 5-6 महीने पहले हटा दिया गया है। अब ऊर्जा विकास निगम के लोग ही बिजली केन्द्रों पर इन बल्बों की बिक्री व बदलने का काम किया जाएगा। पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था ऊर्जा विकास निगम अपने केन्द्रों पर करेगा।
अनूप गर्ग, एडिशनल ईई एवं प्रभारी उजाला योजना

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