इंटेलिजेंस एवं सिक्युरिटी से संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार कन्हैयालाल की हत्या जिस मकसद और तरीके से की गई, उससे सभी लोगों में गहरी नाराजगी है. इसके कारण दंगे भी भड़क सकते हैं। हत्या के आरोपियों रियाज तथा गौस अहमद की गिरफ्तारी के बाद ही गृह विभाग ने पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया था। संवेदनशील इलाकों में इंटेलिजेंस गोपनीय ढंग से नजर रखे हुए है और इंटरनेट या सोशल मीडिया की मानिटरिंग का जिम्मा तकनीकी एक्सपर्ट्स को सौंपा गया है। ।
ऐसे में इंटेलिजेंस विंग ने 500 से अधिक वाट्सएप ग्रुप चिन्हित कर उनपर नजर रखना प्रारंभ कर दिया है। इन वाट्सएप ग्रुपों को लेकर खुफिया विभाग ने सख्त चेतावनी दी है. यही कारण है कि इन सभी ग्रुपों पर एनालिटिकल टूल्स की मदद से नजर रखी जा रही है. इसके अलावा फेसबुक, इंस्टाग्राम,टि्वटर और यूट्यूब जैसे अन्य सोशल प्लेटफार्म पर भी पोस्ट हो रहे सभी मैसेजेस को पढ़ा जा रहा है.
प्रदेश के कुछ प्रमुख शहरों में खास जगहों पर दो-दो काउंटर इंटेलिजेंस (सीआइ) सेल टीम के सदस्य नियुक्त किए गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों पर स्थित जिला विशेष शाखा (डीएसबी) की टीम भी इस काम में लगा दी गई है। बताया जा रहा है कि इंटेलिजेंस ने करीब 500 वाट्सएप ग्रुप में सेंध भी लगा ली है। इन ग्रुपों में भड़काऊ संदेश जारी करने और भीड़ एकत्र करने का संदेश देने का भी अंदेशा जताया जा रहा है।