सिरेमिक के पॉट पर अपने हाथ से लिखती हैं कविताएं
निर्मला शर्मा सिरेमिक मिट्टी से घरेलू उपयोग के बर्तन और सजावटी पॉट बनाती हैं। देशभर के कवियों की प्रेषित कविताओं का वे इन पॉट्स पर लेखन करती हैं। इन कविताओं की लाइनों में एक मां का दर्द भी छिपा रहता है और जीवन जीने का संघर्ष भी। इन लाइनों में अंधेरे में उजेले का दीप जलाकर औरों को प्रकाशमान करने का संदेश भी समाहित होता है। वीर माता निर्मला शर्मा बताती हैं कि उन्हें यह काम करके आत्मिक शांति मिलती है। सबकुछ खोने के बाद अब ये कला ही मेरे जीवन का आधार है। इसी में मैं अपने आप को व्यस्त रखती हूं।
निर्मला शर्मा सिरेमिक मिट्टी से घरेलू उपयोग के बर्तन और सजावटी पॉट बनाती हैं। देशभर के कवियों की प्रेषित कविताओं का वे इन पॉट्स पर लेखन करती हैं। इन कविताओं की लाइनों में एक मां का दर्द भी छिपा रहता है और जीवन जीने का संघर्ष भी। इन लाइनों में अंधेरे में उजेले का दीप जलाकर औरों को प्रकाशमान करने का संदेश भी समाहित होता है। वीर माता निर्मला शर्मा बताती हैं कि उन्हें यह काम करके आत्मिक शांति मिलती है। सबकुछ खोने के बाद अब ये कला ही मेरे जीवन का आधार है। इसी में मैं अपने आप को व्यस्त रखती हूं।