script

“इंटरनेशनल एवेरेस्ट डे” मेरे लिए एक त्यौहार है : पर्वतारोही भावना डेहरिया

locationभोपालPublished: May 29, 2020 06:03:22 pm

Submitted by:

Amit Mishra

“इंटरनेशनल एवेरेस्ट डे” पर पर्वतारोही भावना डेहरिया ने लाइव सेशन के दौरान एवरेस्ट पर स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई

"इंटरनेशनल एवेरेस्ट डे" मेरे लिए एक त्यौहार है : पर्वतारोही भावना डेहरिया

“इंटरनेशनल एवेरेस्ट डे” मेरे लिए एक त्यौहार है : पर्वतारोही भावना डेहरिया

भोपाल। 67वें “इंटरनेशनल एवेरेस्ट डे” के अवसर पर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली मध्यप्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही भावना डेहरिया ने शुक्रवार को एक लाइव सेशन लिया। भावना डेहरिया नने इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस के महत्व और जागरूकता पर प्रकाश डाला।

पहुंचने वाले ये दोनों पहले व्यक्ति थे

भावना डेहरिया ने कहा- “इंटरनेशनल एवेरेस्ट डे” हर साल 29 मई को पर्वतारोहियों द्वारा मनाया जाता है। यह ध्यान देने वाली बात है कि इसी दिन 1953 में नेपाल के तेनजिंग नोर्गे और न्यूजीलैंड के एडमंड हिलेरी ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी। यहां पहुंचने वाले ये दोनों पहले व्यक्ति थे। यही वजह है कि नेपाल ने 2008 से अंतरराष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस के रूप में इस दिन को मनाने का निर्णय लिया, जब महान पर्वतारोही हिलेरी का निधन हुआ था। तभी से यहां तेनजिंग और हिलेरी के माउंट एवरेस्ट की पहली समिट की याद में हर साल 29 मई को ‘एवरेस्ट डे’ मनाया जाता है।

एवरेस्ट दिवस मेरे लिए एक त्यौहार 
इस दिन काठमांडू और एवरेस्ट एरिया में स्मारक, कार्यक्रम, जुलूस और विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। माउंट एवरेस्ट दिवस की याद में तेनजिंग-हिलेरी एवरेस्ट मैराथन का आयोजन भी किया जाता है। भावना डेहरिया ने कहा- इसलिए, मेरी इच्छा है कि इसे भारतीय पर्वतारोहियों द्वारा भी उसी उत्साह के साथ मनाया जाए। अंतरराष्ट्रीय एवरेस्ट दिवस मेरे लिए एक त्यौहार है।’

 

Bhavna Dehariya news

दृढ़ संकल्प और जुनून रखना चाहिए

भावना डेहरिया ने कहा कि माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के अपने सपने को हकीकत में बदलने के सफर के बारे भी भावना ने कई बातें शेयर की। ‘अपने सपने को जीने के दौरान मैं मानती थी कि दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है, अपने लक्ष्य के प्रति सभी को साहस, दृढ़ संकल्प और जुनून रखना चाहिए।

8,848 मीटर की ऊचाई तय की थी

भावना डेहरिया ने कहा कि चार साल के अंतराल के बाद, 22 मई, 2019 को मैंने अपने सपने को साकार किया, तब मुझे वास्तव में अहसास हुआ कि मैं दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के शीर्ष पर हूं, जिसे नेपाल में “सागरमाथा” भी कहा जाता है। मैंने चोटी तक पहुंचने के लिए 8,848 मीटर की ऊचाई तय की थी।’

 

अपने पहाड़ के प्यार के बारे में चर्चा करते हुए भावना डेहरिया ने कहा- ‘मैंने अपने पहले अभियान की शुरुआत 2017 में माउंट डीकेडी-2 के गढ़वाल समिट से की थी। इसके बाद अगस्त 2018 में मैं माउंट मनिरंग, हिमाचल (6593 मीटर) के शिखर पर पहुंची थी और मई 2019 में मैं माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) के शिखर पर पहुंची थी। इसके बाद मैं कभी नहीं रूकी।


अक्टूबर 2019 में मैं अफ्रीकी महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर माउंट किलिमंजारो पर चढ़ी और वहां दिवाली के मौके पर अपना राष्ट्रीय झंडा तिरंगा फहराया। मैंने एक और त्यौहार यानी नया साल दक्षिण अमेरिका के माउंट एकांकागुआ पर मनाया था।

सबसे ज्यादा दिल छू लेने वाला पल था
मैं यहां दिसंबर 2019 में 6500 मीटर की ऊंचाई पर पहुंची थी। मार्च 2020 में मैंने ऑस्ट्रेलिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट कोज़िअस्को पर होली के दिन चढ़ाई की और भारतीय संस्कृति का प्रचार करते हुए यहां रंग खेला। यह मेरे जीवन का सबसे ज्यादा दिल छू लेने वाला पल था।’

मेरी छोटी सी श्रद्धांजलि होगी

भावना डेहरिया ने समिट के दौरान कई चुनौतियों और कठिनाइयों का भी सामना किया। पर्वतारोही भावना डेहरिया ने बताया- ‘इस मौके पर मैं यह घोषणा करना चाहूंगी कि जल्द ही मैं खेल के प्रति उत्साही लोगों के लिए पर्वतारोहण की एक संस्थान खोलूंगी जोकि इस विशेष दिन के लिए मेरी छोटी सी श्रद्धांजलि होगी।’

 

Bhavna Dehariya

संतोषजनक जवाब दिया

सेशन के अंत में भावना डेहरिया ने पर्वतारोहियों को संदेश दिया- व्यक्ति जो भी करना चाहता है उसमें उसे पूरा प्रयास करना चाहिए। जबकि जो लोग पर्वतारोहण करना चाहते हैं, उन्हें सभी तरह के सुरक्षा उपायों का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए और अभियान शुरू करने से पहले अच्छी तरह से शारीरिक और मानसिक रूप तैयार होना चाहिए। इस मौके पर भावना से कई वर्चुअल प्रतिभागियों ने भी पर्वतारोहण से संबंधित सवाल पूछे, जिसका उन्होंने संतोषजनक जवाब दिया।

ट्रेंडिंग वीडियो