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Happy Women’s Day 2020 : 52 हजार गांवों के विकास से सीधे जुड़ी हैं करीब दो लाख महिलाएं

locationभोपालPublished: Mar 08, 2020 11:51:12 am

Submitted by:

Arun Tiwari

– मध्यप्रदेश में उत्तरप्रदेश के बाद सबसे ज्यादा महिला जनप्रतिनिधि International Women’s Day 2020 news
 
 

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भोपाल। मध्यप्रदेश madhya pradesh की राजनीति महिलाओं women के राजनीतिक सशक्तिकरण on की तरफ आगे बढ़ रही है। प्रदेश में 54 हजार International Women’s Day 2020 से ज्यादा गांव हैं और पिछले पांच साल से इन गांवों के विकास का खाका महिलाओं ने ही खींचा है। प्रदेश में 23 हजार ग्राम पंचायतों में 1 लाख 96 हजार से ज्यादा महिला जनप्रतिनिधि हैं जों पंचायत राज में सरपंच,पंच या पंचायत सदस्य International Women’s Day 2020 चुनकर गांवों की बागडोर संभाल रही हैं। इनमें साढ़े 11 हजार से ज्यादा महिलाएं तो सरपंच हैं। मध्यप्रदेश, देश का दूसरा ऐसा राज्य है जहां पर सबसे ज्यादा महिला जनप्रतिनिधि हैं। मध्यप्रदेश से पहले उत्तरप्रदेश का नंबर आता है। मध्यप्रदेश International Women’s Day news में ये इसलिए मुमकिन हो पाया है क्योंकि ग्राम पंचायत और नगरीय निकायों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण हासिल है।
लेकिन चुनकर 70 फीसदी से ज्यादा महिलाएं आती हैं। महिलाओं International Women’s Day special के लिए घूंघट ओढ़कर चूल्हा फूंकना अब गुजरे जमाने की बात होती जा रही है। पूरे देश में पंचायतों में 14 लाख 10 हजार 226 महिलाएं जनप्रतिनिधि बनकर काम कर रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदेश में महिलाओं की राजनीतिक,आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के बढ़ते ग्राफ पर एक रिपोर्ट।


मध्यप्रदेश की फैक्ट फाइल : International Women’s Day special
– कुल ग्राम पंचायतें : 23 हजार 12
– कुल गांव : 54 हजार 903
– महिला जनप्रतिनिधि : 1 लाख 96 हजार 490
– महिला सरपंच : 11 हजार 864
– आर्थिक गतिविधि में महिलाओं की हिस्सेदारी – 25 फीसदी
– महिलाओं की जनसंख्या : 3 करोड़ 50 लाख 14503
– महिलाओं की सारक्षरता : 59.2 प्रतिशत
– लिंगानुपात – 931
राष्ट्रीय स्तर पर पंचायतराज में महिला जनप्रतिनिधि : International Women’s Day 2020
– 2015 – 13 लाख 41 हजार 773
– 2017 – 14 लाख 39 हजार 436
– 2018 – 13 लाख 67 हजार 652
– 2019 – 13 लाख 67 हजार 639
– 2020 – 14 लाग 10 हजार 226
मप्र विधानसभा और लोकसभा में महिला प्रतिनिधित्व :
देश में लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण International Women’s Day special का मुद्दा सालों से चल रहा है लेकिन महिला आरक्षण पर राजनीतिक दलों में सहमति न बन पाने के कारण यह विधेयक संसद में कई बार आने के बाद भी पारित नहीं हो पाया है। इसलिए विधानसभा और लोकसभा में महिला प्रतिनिधित्व कम ही नजर आता है। प्रदेश की विधानसभा में महिला सदस्यों International Women’s Day special की संख्या 21 है जिसमें भाजपा की 11, कांग्रेस की 9 और बसपा की 1 महिला विधायक हैं।
ये संख्या दस फीसदी से भी कम है। वहीं लोकसभा में चार महिला सदस्य मध्यप्रदेश International Women’s Day 2020 से चुनकर गई हैं, ये चारों भाजपा से हैं। इनमें प्रज्ञा ठाकुर, रीति पाठक, संध्या राय और हिमाद्री सिंह शामिल हैं। राज्यसभा की कुल 11 सीटों में सिर्फ एक भाजपा की संपत्तिया उइके ही महिला सदस्य हैं।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ में प्रदेश आगे :
बेटी बचाओ-बेटी पढाओ योजना International Women’s Day special के तहत प्रदेश ने केंद्र से मिले फंड से ज्यादा पैसा खर्च किया है। साल 2018-19 में केंद्र ने 1 करोड़ 38 लाख रुपए दिए थे जबकि प्रदेश सरकार ने 10 करोड़ 21 लाख रुपए खर्च किए। साल 2019-20 में केंद्र ने 3 करोड़ 56 लाख रुपए दिए जबकि प्रदेश ने इस पर 11 करोड़ से ज्यादा पैसा खर्च किया। इस योजना के कारण बालक-बालिका लिंगानुपात में सुधार हुआ है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले कम हुए हैं और लोग बेटी को बचा भी रहे हैं और पढ़ा भी रहे हैं।
महिलाओं के लिए प्रमुख सरकारी योजनाएं : International Women’s Day special
– बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं योजना से महिलाओं के जन्म से लेकर जीवन, शिक्षा और सुरक्षा
– महिला शक्ति केंद्र के जरिए ग्रामीण महिलाओं का कौशल विकास
– कामकाजी महिलााओं के लिए अलग महिला होस्टल
– पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए आरक्षण
– राष्ट्रीय महिला कोष से महिलाओं को रियायती दर पर कर्ज
– महिला क्रैच योजना से महिलाओं को रोजगार मुहैया कराना
– मातृ वंदना योजना के तहत मातृत्व लाभ
– प्रधानमंत्री आवास योजना में महिलाओं के नाम पर आवास
– आजीविका मिशन के तहत महिलाओं का कौशल संवर्धन
– उज्जवला योजना के तहत महिलाओं के स्वास्थ्य की चिंता
– सुकन्या समृद्धि योजना में बालिकाओं को आर्थिक रुप से समृद्ध बनाना
– महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्टैंड अप इंडिया
Women’s Day Special -2020 पर मूलत: विदिशा के रहने वाले आशीष कुमार तिवारी जो वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी कैरोलिना के शेर्लोट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं, ने पत्रिका को इस अवसर पर एक कविता भेजी है…

दुर्गा बनी तू भवानी बनी,
मीरा बनी, राधा रानी बनी,
लिए रूप जीवन में तूने कई,
नारी तू जाने क्या, क्या बनी।

माई की प्यारी सी गुड़िया बनी
बाबा के आँगन की चिड़िया बनी,
भैया के हाथों पे रेशम की डोरी,
बहन की सहेली सयानी बनी ।
शादी के मंडप पे दुल्हन बनी,
साजन के दिल की धड़कन बनी,
बच्चों पे बरसाया ममता का सावन,
परियों की सुंदर कहानी बनी ।

फिर भी तेरे तन को नोंचा गया,
अस्मत को तेरी खरोंचा गया,
कभी दर्द चुपचाप सहती रही,
कभी आँख से बहता पानी बनी।
दशानन ने तेरा किया अपहरण,
दुशासन ने भी किया चीरहरण,
अतिचार हर युग में होता रहा,
रवायत ये सदियों पुरानी बनी।

फिर भी कभी तू हिम्मत ना हारी,
त्यागी ना तूने कभी ज़िम्मेदारी,
आयी परीक्षा की जब भी घड़ी,
धाय पन्ना बनी, झाँसी रानी बनी।
परिद्रश्य मगर ये बदलने लगे हैं,
बंधन रिवाजों के खुलने लगे हैं,
नारी-पुरुष दोनों ही हैं बराबर,
नयी सोच अब ये सुहानी बनी।

– आशीष कुमार तिवारी

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