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#womensday: मिलिए ऑटो वाली दीदी से, पुरुषों से कम नहीं है ऑटो वाली दीदी

locationभोपालPublished: Mar 08, 2021 11:30:07 am

Submitted by:

Manish Gite

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मिलिए पहली महिला ऑटो चालक से…।

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International Women’s Day 2021

भोपाल। महिलाओं के संघर्ष की कहानियां कम नहीं हैं, लेकिन जो भी कहानी है वो प्रेरणा ही देती है। खासकर उन महिलाओं को प्रेरणा देती हैं जो ससुराल से किसी न किसी कारण से ठुकरा दी गई हो और कुछ कर नहीं पाती हैं। आइए, वुमन्स-डे पर हम आपको मिला रहे हैं ऐसी ही निडर ऑटो वाली दीदी से।

 

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घर की चार दीवारी में चूल्हा-चौका करने वाली महिलाएं अब पुरुषों से कम नहीं हैं। खुद तो पैरों पर खड़ी हो रही हैं और निडरता के साथ कमजोर महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं। 29 साल की तलत जहां ने कभी नहीं सोचा था कि उसके जीवन में कोई तूफान आएगा और उसकी दुनिया उजड़ जाएगी। पति ने छोड़ा तो वो खुद जैसे-तैसे संभली और पैरों पर खड़ी हो गई। आज शहर में लोग एक महिला को ऑटो चलाते हुए देख हैरान रह जाते हैं। जीहां, तलत जहां भोपाल की पहली ऑटो चालक है।

 

तलत जहां 12वीं तक पढ़ी है। पिता अहमद नूर मजदूर हैं। वर्ष 2013 में शादी हो गई। पति ट्रक पर क्लीनर थे। शादी के 15 दिन ही तक ससुराल वालों ने ठीक से रखा, उसके बाद प्रताड़ना का दौर शुरू हो गया। परेशानियां झेलते-झेलते 2014 में थाने में केस दर्ज कराया।

 

तलत की दुनिया मानो उजड़ गईथी। उसने जैसे-तैसे अपने आपको संभाला। तलत अपनी अम्मी के पास वापस चली आई। घरेलू हिंसा का शिकार हुई तलत की मां भी हाउस वाइफ है। परिवार का खर्च कैसे चले इसलिए तलत ने अपने मायके का ही सहारा बनने का सोच लिया।

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तो खुद को मिल जाएगा सहारा

तलत कहती है कि यदि आप किसी का सहारा बनोगे तो आप भी अकेले कहां हुए, आपको भी तो सहारा मिल जाता है। मैंने भी यही किया। किसी ने सुझाव दिया कि ऑटो चलाओ। कई लोगों ने बोला- एक लड़की होकर ऑटो चलाएगी क्या। अम्मी ने भी हौंसला दिया और एक दिन फैसला कर लिया।

 

फैसला गलत नहीं था

तलत ने पत्रिका.कॉम से खास बातचीत में कहा कि मेरा फैसला अब सही लगता है। मुझे इस काम में मजा आने लगा है। रोज सुबह 7 बजे अपना ऑटो साफ करके निकल जाती हूं। यात्रियों को गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाना ही मेरा कर्तव्य हो गया है। तलत शाम तक घर लौट आती है।

 

जब शिवराज भी बैठे ऑटो में

तलत भोपाल की पहली ऑटो चालक है। जब पहली बार तलत ने ऑटो खरीदा तो हरी झंडी दिखाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आए थे। उनके साथ उनकी पत्नी और महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस भी थे। उसी दौरान तीनों अचानक मेरे ऑटो में आकर बैठ गए। मैं बहुत घबरा गई थी। तलत ने बताया कि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मेरे ऑटो में बैठे हैं और उन्हें विधानसभा तक छोड़ना था। हालांकि थोड़ी दूर तक गई। मेरे ऑटो का क्लच वायर टूट गया था, इसलिए मैं उन्हें विधानसभा तक नहीं पहुंचा पाई। फिर वे कार से आगे चले गए। तलत ने बताया कि सीएम साहब ने मेरे ऑटो चलाने के काम को बहुत सराहा था और कहा था कि बेटी कोई काम छोटा नहीं होता।

 

 

जब यात्री हो जाते हैं हैरान

तलत ऑटो चलाने के अपने अनुभव के बारे में बताती हैं कि जब कोई यात्री ऑटो को रोकता है, तो एक लड़की को ऑटो ड्राइवर की जगह बैठा देख हैरान रह जाते हैं। कई लोग तारीफ करते हैं। तलत जब बताती है कि मेरी अम्मी ने हिम्मत दी और मैं यह ऑटो चला रही हूं, इस पर यात्री मेरे साथ ही मेरी अम्मी को भी सैल्यूट करते हैं।

पुरुष कम थे क्या इस लाइन में

तलत कहती है कि कुछ महिलाएं पूछती हैं कि क्या ऑटो चलाने वालों में पुरुष कम पड़ गए थे क्या, जो एक लड़की होकर ऑटो चला रही हो। तलत महिलाओं के ऐसे प्रश्नों का बेबाकी से जवाब देती हैं और उन्हें चुप करा देती है। वो कहती है कि मैं उन महिलाओं में से नहीं हूं जो अपना पेट पालने के लिए गलत व्यवसाय में पड़ जाएं। मैं मेहनत करती हूं और लोगों की सेवा करती हूं। इससे मुझे आत्मिक शांति भी मिलती है। मैं दूसरी महिलाओं को भी निडरता के साथ जीने की बात कहती हूं।

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