scriptइंटरनेट: अब कानून-व्यवस्था के नाम पर नहीं कर सकेंगे बंद | Internet: can not be closed now in the name of law and order | Patrika News

इंटरनेट: अब कानून-व्यवस्था के नाम पर नहीं कर सकेंगे बंद

locationभोपालPublished: Sep 25, 2017 10:33:24 am

केन्द्र के गृह मंत्रालय के सचिव या राज्य के गृह सचिव ही नेट बंद करने का जारी कर सकेंगे आदेश, पांच दिन के अंदर हाई लेवल कमेटी को बताना होगा कारण।

internet lock
भोपाल। कानून-व्यवस्था बनाने के नाम पर इंटरनेट, मोबाइल सर्विस बंद करने की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने केन्द्र ने अध्यादेश जारी कर प्रक्रिया बनाई है। टेलीकॉम डिपार्टमेंट से जारी दूरसंचार सेवा अस्थाई निलंबन नियमों के तहत केन्द्र के गृह मंत्रालय के सचिव या राज्य के गृह सचिव ही नेट बंद करने का आदेश जारी कर सकेंगे।
उन्हें पांच दिन के अंदर हाई लेवल कमेटी की मीटिंग कर कारण भी बताना होगा। इसके लिए राज्यों में कमेटियां बनाई जाएंगी। केन्द्र के अस्थाई सेवा निलंबन नियम 2017 के तहत केन्द्रीय गृहमंत्रालय के सचिव या राज्य के मामलों में गृह विभाग के भार साधक सचिव ही दूरसंचार सेवाओं का अस्थाई निलंबन कर सकेंगे।
आपातकालीन स्थिति में पहले निर्देश प्राप्त करने केंद्र में संयुक्त सचिव स्तर का व राज्य में गृह सचिव की ओर से प्राधिकृत अधिकारी आदेश जारी
कर सकेगा। 24 घंटे के अंदर अधिकृत अधिकारी इसकी पुष्टि करेगा, अन्यथा आदेश अमान्य हो जाएगा।
इधर, बीसीएलएल से डेढ़ लाख वसूलेगा परिवहन विभाग :-
परिवहन विभाग ने बीसीएलएल की नौ मिडी बसों को एक लाख 32 हजार रुपए की पेनल्टी टैक्स के साथ जमा करने का आदेश सुनाया है, साथ ही टैक्स जमा ना करने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
पत्रिका ने 31 अगस्त के अंक में ‘फर्जी परमिट पर चल रही थीं मिडी बसें, आरटीओ ने किए परमिट निरस्तÓ खबर से आरटीओ में चल रही इस गड़बड़ी को प्रकाशित किया था।
यह था मामला :
मिडी बसों को आरटीओ अधिकारियों ने नगर निगम भोपाल के नाम से परमिट जारी किए थे। जबकि यह बसें सुनील चतरा के नाम से रजिस्टर्ड थीं परिवहन विशेषज्ञ भूपेन्द्र जैन के मुताबिक मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक किसी भी गाड़ी का परमिट उसी के नाम से जारी होता है जिसके नाम पर वाहन रजिस्टर्ड होता है।
फिर टूटी शताब्दी एक्सप्रेस की सेफ्टी स्प्रिंग :-
नई दिल्ली से भोपाल आने वाली गाड़ी संख्या 12002 नई दिल्ली-भोपाल शताब्दी के सी-7 कोच की सेफ्टी स्प्रिंग रविवार को टूट गई। हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर रोलिंग स्टॉक यानी ट्रेन के कोच की जांच के दौरान इसका पता चला। इसके पहले चार सितंबर को भी टूटी हुई सेफ्टी स्प्रिंग के साथ ट्रेन को 200 किमी तक दौड़ाया गया था।
कोच हटाने की प्रक्रिया में लगभग 1.40 घंटे की देरी से ट्रेन दिल्ली के लिए रवाना हुई। दिसंबर 2016 से लेकर अब तक सात बार यह घटना हो चुकी है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार नई दिल्ली से भोपाल आने वाली गाड़ी संख्या 12002 रविवार को अपने निर्धारित समय से लगभग ५० मिनट की देरी से भोपाल रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां से ट्रेन के हबीबगंज रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद जब रेलवे कर्मचारियों ने ट्रेन की जांच की तो कोच सी-7 की सेफ्टी स्प्रिंग टूटी मिली।
जब काफी मशक्कत के बावजूद रिपेयर नहीं हुई तो बाद में रेलवे ने कोच को काट कर हटाया। इसके बाद सी-7 कोच में आरक्षण करा चुके यात्रियों को अन्य कोच में शिफ्ट किया गया।
लाट ही टूटा आया है :
इसके पहले 17,19, 26 दिसंबर और 2 जनवरी को चार बार अलग-अलग कोच की स्प्रिंग टूट चुकी है। लगातार स्प्रिंग टूटने पर नार्दन रेलवे दो फ रवरी को पांचवी बार बीना के पास स्प्रिंग फिर टूट गई। पड़ताल में यह बात सामने आया कि स्प्रिंग का एक लॉट ही टूटा आ गया है। यह जिन-जिन कोच में लगा है उनमें इस तरह की शिकायतें आ रही हैं।
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