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भाजपा शासनकाल में हुए नहरों के ठेकों पर बैठी जांच, फाइलें तलब

locationभोपालPublished: Dec 09, 2019 09:38:47 pm

Submitted by:

anil chaudhary

– आर्थिक गड़बड़ी की शिकायतें : जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई
 

Demonstration will be held if water is not available for irrigation

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जितेन्द्र चौरसिया, भोपाल. प्रदेश में पिछले 15 साल में भाजपा सरकार के समय हुए नहरों और सिंचाई के ठेकों पर कांग्रेस सरकार ने जांच बैठा दी है। इसके तहत दस फीसदी से कम रेट देने वाले ठेकों की जांच का फैसला किया गया है। अब मैदानी निरीक्षण करके कामों और भुगतानों की स्थिति देखी जाएगी। इसके अलावा दस करोड़ रुपए तक के ठेकों की भी जांच की जा रही है। इसमें जहां आर्थिक गड़बडिय़ां हुई थीं, उन मामलों को भी देखा जा रहा है।
दरअसल, हर निर्माण कार्य या परियोजना में सरकार के स्तर पर बेस रेट रखा जाता है। इससे कम प्राइज रेट देने वाले ठेकेदारों को टेंडर दिया जाता है। पिछले 15 सालों में ऐसे सैकड़ों ठेकों हुए हैं, जिनमें ठेकेदारों ने दस फीसदी से कम रेट दिया और टेंडर पा लिया। कमलनाथ सरकार ने समीक्षा में पाया है कि इन ठेकों के काम और भुगतान का ब्योरा फाइलों में नहीं है।
जल संसाधन विभाग ने सभी जिलों से रिपोर्ट तलब की है। इसी के साथ तमाम ठेकों की जांच शुरू कर दी गई है। इसमें देखा जा रहा है कि कहां दस फीसदी बेस रेट से कम में ठेका दिया गया। मौजूदा फाइल की जांच के साथ मैदानी निरीक्षण भी होगा। यदि कोई काम दस साल पहले पूरा हुआ है, तो भी उसकी मैदानी जांच की जाएगी। इसके लिए अफसरों की जवाबदेही तय की जा रही है।

– आर्थिक गड़बड़ी की फाइलें तलब
सरकार ने आर्थिक गड़बड़ी वाले प्रकरणों की फाइलें भी खोलना तय किया है। इसमें कैग और ग्वालियर एजी की रिपोर्ट में आई आपत्तियों से लेकर बड़े मामलों की शिकायतें तक शामिल हैं। जिन सिंचाई परियोजनाओं में ज्यादा भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उनकी जांच करना भी तय किया गया है।

– नहरों के अलाइमेंट बदले
प्रदेश में ऐसी कई नहरों की जांच की जानी है, जिनके अलाइमेंट प्रभावशाली लोगों के कारण बदलने की शिकायत मिली है। इसमें ग्वालियर-चंबल से लेकर मालवा-निमाड़ अंचल तक की कई सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं।

– करोड़ों का भ्रष्टाचार
दरअसल, जल संसाधन विभाग के तहत नहरों के निर्माण व सिंचाई परियोजनाओं में करोड़ों का भ्रष्टाचार पूर्व में भी उजागर हो चुका है। बरगी, पेंच, बाणसागर, राजघाट सहित अन्य परियोजनाओं में गड़बड़ी के मामले पिछले 15 सालों में कई बार सामने आए। अगस्त से सितंबर 2018 के बीच तत्कालीन भाजपा सरकार ने भी सिंचाई परियोजनाओं में करोड़ों की गड़बड़ी पाई थी। उस समय इसकी जांच के भी आदेश दिए गए थे। लेकिन, बाद में मामले को दबा दिया गया। इसके अलावा कैग रिपोर्ट में भी हर बार सिंचाई परियोजनाओं में भारी भ्रष्टाचार पर सवाल उठाया गया है।

पिछली भाजपा सरकार के समय जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। कई शिकायतें भी मिली हैं। सभी की जांच की जाएगी। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
– हुकुम सिंह कराड़ा, मंत्री, जल संसाधन

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