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मध्यप्रदेश की मनीषा कीर बनी पहली भारतीय महिला, भारत को दिलाया रजत पदक

locationभोपालPublished: Sep 04, 2018 10:38:51 am

Submitted by:

Manish Gite

मध्यप्रदेश की मनीषा कीर बनी पहली भारतीय महिला, भारत को दिलाया रजत पदक

ISSF World Championship

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ISSF World Championship: भोपाल की मनीषा कीर ने लगाया रजत पर निशाना

भोपाल। साउथ कोरिया में 31 अगस्त से 15 सितंबर तक खेली जा रही 52वीं आईएसएसएस वर्ल्ड चैम्पियनशिप में मध्य प्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी की प्रतिभावान शूटर मनीषा कीर ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी की हैं, वहीं देश को रजत पदक दिलाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक चार वर्षों में आयोजित होने वाली वर्ल्ड चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाली मनीषा कीर पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। यह पहला अवसर है जब किसी भारतीय महिला खिलाड़ी ने यह उपलब्धि हासिल की है।

वर्ल्ड चैम्पियनशिप में मनीषा कीर ने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए ट्रैप वुमन जूनियर के फाइनल में अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत 41 अंक अर्जित कर वल्र्ड रेकॉर्ड की बराबरी की, लेकिन शूट आउट मुकाबले में इटली की एरिका सेसा ने फाइनल मुकाबला जीत लिया।

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बेटी के प्रदर्शन से खुशी मिली है: कैलाश कीर
इस उपलब्धि पर गोरे गांव स्थित बिशनखेड़ी निवासी पिता कैलाश कीर ने बताया कि बेटी के प्रदर्शन से खुशी मिली हैं। उसने फोन पर बताया था कि पापा मेरा रजत पदक लगा है। मैं चाहता हूं कि बेटी ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतकर आए। उन्होंने बताया कि जब मनीषा छोटी थी तो मेरे साथ बड़े तालाब में मछली पकडऩे में जाती थी, इस दौरान जब भी हवा तेज चलती थी तो वो जाल पकड़ती थी और मैं नाव चलाता था। फिर एक दिन उसका सलेक्शन शूटिंग अकादमी में हो गया। बता दें कि मनीषा की छोटी बहन सोना कीर भी रोइंग की इंटरनेशनल खिलाड़ी हैं।

पिता 10 घंटे बड़े तालाब में पकड़ते हैं मछली
उन्होंने बताया कि मैं अपनी बेटी के सपनों का पूरा करने के लिए सुबह और शाम 10 घंटों तक फिशिंग करता हूं। सुबह छह से 11 बजे और फिर दोपहर तीन से छह बजे तक बड़े तालाब में रहता हूं। मछली पकडऩे के बाद इन्हें बेचकर दिन का दो से तीन सौ रुपए तक की आमदानी हो जाती है।

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