scriptऑस्मो IT सॉल्यूशंस कंपनी के 3 संचालकों को कोर्ट ने 3 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा | IT Companys's directors sent to police remand | Patrika News
भोपाल

ऑस्मो IT सॉल्यूशंस कंपनी के 3 संचालकों को कोर्ट ने 3 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा

– आरोपियों से कोर्ट ने पूछा, मारपीट तो नहीं की गई और खाना खाया या नहीं?
– शुक्रवार को भी दिनभर चलती रही आइटी कंपनी के दफ्तर व कंप्यूटरों की जांच आए।

भोपालApr 13, 2019 / 08:01 am

Radhyshyam dangi

 

भोपाल. इ-टेंडर घोटाले में ऑस्मो आइटी सॉल्यूशंस कंपनी के गिरफ्तार तीनों संचालक वरुण चतुर्वेदी, विनय चौधरी व सुमित गोलवलकर को कोर्ट ने शुक्रवार को इओडब्ल्यू के विशेष सत्र न्यायाधीश भगवत प्रसाद पांडे ने तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। इओडब्ल्यू ने कोर्ट में १६ अप्रैल तक के लिए पुलिस रिमांड मांगी थी, लेकिन १५ अप्रैल तक की रिमांड दी है। १५ अप्रैल शाम ४ बजे तक तीनों को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

विवेचक रीना शर्मा ने केस डायरी कोर्ट में पेश की। कोर्ट ने पूरी डायरी पढ़ी, इओडब्ल्यू का पक्ष सुना। इओडब्ल्यू की विशेष लोक अभियोजन अधिकारी सुधा विजय सिंह भदौरिया ने इओडब्ल्यू का पक्ष विशेष न्यायाधीश भगवत प्रसाद पांडे के सामने रखा। कहा कि आरोपियों की साठगांठ से इ-टेंडर घोटाले को अंजाम दिया गया है।

तीनों से पूछताछ की जाना है। किसके कहने पर छेड़छाड़ की गई यह भी जानकारी हासिल की जाना है। आरोपियों के शेष कार्यालयों की भी तलाशी ली जाना है और साक्ष्य जुटाया जाना है। यह भी पक्ष रखा कि विनय चौधरी ने पुलिस को मेमोरेंडम दिया है कि घोटाले से संबंधित अन्य जानकारी उनके पास है और इस संबंध में वे विस्तार से बता सकते हैं। इसलिए तीनों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाना है।

न्यायाधीश भगवत प्रसाद पांडे ने तीनों आरोपियों से पूछा कि मारपीट तो नहीं की गई, खाना खाया या नहीं, तीनों की तबीयत तो ठीक है। कोर्ट ने तीनों का मेडिकल के भी निर्देश दिए और कहा कि दोबारा पेश करने पर भी मेडिकल किया जाए। करीब एक घंटे तक तीनों से कोर्ट में पूछताछ चलती रही। इस दौरान ऑस्मो आइटी सॉल्यूशंस कंपनी और आरोपियों के मिलने वाले लगभग १५-२० लोग कोर्ट के बाहर इंतजार करते नजर

हेश वैल्यू निकालने में लग रहा समय

इधर, शुक्रवार को तीनों आरोपियों से इओडब्ल्यू के अफसरों ने पूछताछ की। साथ ही मानसरोवर कॉम्प्लेक्स स्थित ऑस्मो कंपनी के अलावा दो अन्य कंपनियों के भी दफ्तरों को जांच में ले लिया है।

तीनों ही आरोपियों से हार्ड डिस्क, कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि भी जप्त कर पूछताछ की गई। आरोपियों के दफ्तरों से सरकारी रिकॉर्ड भी मिला है। करीब ३५ कंप्यूटरों की हार्ड ***** जांची जा रही है। एक हार्ड ***** जांचने में करीब २ धंटे का समय लग रहा है। सभी हार्ड ***** की हेश वेल्यू पता लगाई जा रही है ताकि टेंडरों में की गई टेंपरिंग का सही से पता लगाया जा सके।

इओडब्ल्यू को अंदेशा है बड़े खुलासे का

इओडब्ल्यू ने कोर्ट को कहा था कि इ-टेंडरिंग घोटाले में बड़े-बड़े अफसरों, नेताआें के नाम आने सामने आ सकता है। चूंकि प्राथमिक जांच में तीनों ही आरोपियों के लिंक सरकारी अफसरों-दफ्तरों, टीसीएस और एंटारेस कंपनी से पाई गई हैं। तीनों ने ही घोटाले को अंजाम दिया है, इसलिए पूछताछ आवश्क है। कोर्ट ने इस आधार पर रिमांड पर भेज दिया। तीनों को पूछताछ के लिए एमपी नगर थाने में रखा जाएगा।

 

 

ई टेंडरिंग केस में तीनों आरोपियों को कोर्ट ने तीन दिन की रिमांड पर दे दिया है। इस दौरान उनसे घोटाले से जुड़ी लिंक और साक्ष्य के संबंध में पूछताछ की जाएगी।
एनके तिवारी, डीजी, ईओडब्ल्यू

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