इस दौरान नौकरी के कई अवसर हाथ से जाते रहे। सीएम के समाधान कार्यक्रम में मामले की शिकायत के बाद अंकसूची मिल पाई। इसके लिए वल्लभ भवन में बुलाया, तभी नौकरी का आश्वासन दिया था। जो अब तक नहीं मिली। अफसरों की गलती के कारण अंकसूची मिलने में देर गए। इसी के चलते नौकरी नहीं मिली। यह बात कहते हुए रूपराम ने बताया कि अफसरों की इस गलती की भरपाई की मांग सालों से कर रहे हैं। विवि की गलती के कारण भविष्य चौपट हुआ है। सीएम से शिकायत की गई है।
डिग्री हाथ आई लेकिन अब रोजगार के लिए काटने पड़ रहे हैं चक्कर
रूपराम ने बताया कि संघर्ष के बाद डिग्री तो हाथ आ गई लेकिन रोजगार के अवसर छिन गए। इन छह सालों के बीच कई विभागों में वैकेंसी निकली थी। उस दौरान उनमें आवेदन करने के लिए अंकसूची नहीं थी। उसमें सुधार होना था। सुधार के बाद जब यह मिली तो नौकरी नहीं है। इस बीच छोटे-छोटे कामों के जरिए जीवन यापन कर रहा हूं। ये बताते हैं कि ग्रामीण परिवेश से होने के कारण यहां की ज्यादा जानकारी उन्हें नहीं है।
अब तो अधिकारी मिलने भी नहीं देते
कई सालों से अफसरों के चक्कर काटने के बाद हाल ये हो गया है कि अब अधिकारी मिलने से ही इंकार कर देते हैं। सीएम हाउस और मंत्रालय में सैकड़ों अर्जियां दे चुका हूं। सरकारी गलती का खामियाजा मेरा परिवार भुगत रहा हैं।