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तालाब लीज का मामला : जबलपुर हाईकोर्ट सैफ अलीखान को दी राहत

locationभोपालPublished: Oct 27, 2017 05:00:45 pm

Submitted by:

sanjana kumar

रायसेन जिले की चिकलोद तहसील में 900 एकड़ जमीन पर बने तालाब पर भोई समाज के कब्जे के मामले में हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है

Jabalpur High Court , Jabalpur High Court  Judgement, Saif Ali Khan

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भोपाल। जबलपुर हाईकोर्ट ने सैफ अलीखान के पक्ष में फैसला देते हुए उन्हें बड़ी राहत दे दी है। रायसेन जिले की चिकलोद तहसील में 900 एकड़ जमीन पर बने तालाब पर भोई समाज के कब्जे के मामले में हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है। आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने ये फैसला जिला अदालत भोपाल के आदेश के बाद दिया है।
ये है मामला

रायसेन जिले की चिकलोद तहसील में करीब 900 एकड़ जमीन पर एक तालाब है। जिस पर स्थानीय भोई समाज बरसों से मछली पालन और सिंघाड़े की खेती कर रहा है।
भोपाल रियासत के अंतिम नवाब हमीदुल्लाह खां की पुश्तैनी संपत्तियों में शामिल ये तालाब 900 एकड़ में फैला है। स्थानीय भोई समाज का दावा था कि उन्हें नवाब ने ये तालाब 100 साल की लीज पर दिया था। नवाबी दौर से ही वे इस तालाब के माध्यम से मछली पालन और खेती कर रहे हैं। भोई समाज की ये दलील थी कि इस तालाब पर उन्हीं का हक है। कोर्ट ने भोई समाज के तालाब पर हक जताने संबंधी सभी दलीलों को खारिज करते हुए तालाब में मछली पालन और सिंघाड़े की खेती करने पर रोक लगा दी है।
सैफ अली ने दी ये दलील

नवाब हमीदुल्लाह के बाद नवाब पटौदी परिवार की इस संपत्ति पर शर्मिला टैगोर और सैफ अलीखान ने अपनी दलील पेश की। इस दलील में उन्होंने जो दस्तावेज जबलपुर हाईकोर्ट में पेश किए, उनके मुताबिक नवाब हमीदुल्लाह ने भोई समाज को कभी कोई जमीन लीज पर नहीं दी। अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने तालाब पर हक जताने वाले भोई समाज के सदस्यों की दलीलों का खंडन किया।
कोर्ट ने जारी किया नोटिस

सैफ अलीखान को राहत देने वाले जबलपुर हाईकोर्ट ने भोई समाज के सदस्यों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने भोई समाज के तालाब पर हक जताने संबंधी सभी दलीलों को खारिज करते हुए तालाब में मछली पालन और सिंघाड़े की खेती करने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने ये फैसला जिला अदालत भोपाल के आदेश के बाद दिया है।
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