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कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में उतरे जेल के कैदी, लोगों को संक्रमण से बचाने कर रहे खास काम

locationभोपालPublished: Mar 28, 2020 07:33:12 pm

Submitted by:

Faiz

मध्य प्रदेश के जैलों में कैदी प्रदेश के लोगों को इस वैश्विक महामारी से बचाने के लिए कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई लड़ते दिखे।

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कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में उतरे जेल के कैदी, लोगों को संक्रमण से बचाने कर रहे खास काम

भोपाल/ देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर हालात दिन ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं। वहीं, इसका अधिक असर मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहां देशभर में कोरोना से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 750 के पार जा पहुंचा है। वहीं, एमपी में इस संक्रमण से ग्रस्त 34 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, इस मुश्किल घड़ी में ऐसे भी कई लोग हैं, जो इस वैश्विक महामारी से लड़ने का अलग अलग ढंग से प्रयास कर रहे हैं। कोई गरीब असहायों में खाना बांट रहा है, तो कोई लोगों को संक्रमण से मुक्त रखने के लिए मुफ्त में मास्क और सैनिटाइजर बांट रहे हैं। ऐसे ही कुछ नजारे देखने को मिले मध्य प्रदेश के जैलों में। यहां कैदी लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई लड़ते दिखे।

 

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[typography_font:14pt;” >रोजाना तैयार हो रहे 44 हजार वॉशेबल मास्क

हालांकि, आमतोर पर हर इंसान ये उम्मीद नही कर सकता कि, कैदी भी समाज सेवा का कोई काम कर सकते हैं। लेकिन, मध्य प्रदेश की जेलों में बंद कैदी भी प्रदेश में रह रहे लोगों की फिक्र करते हुए जैलों में रहकर मास्क बना रहे हैं। ये कैदी हर रोज 44000 वॉशेबल मास्क तैयार कर रहे हैं, ताकि लोगों को इसकी कमी न आए और जितना हो सके लोग संक्रमण से बच सकें। इन मास्क को अस्पतालों के साथ पुलिस और दूसरे सरकारी विभागों में सप्लाई किया जा रहा है। एक मास्क की कीमत 10 रुपए बताई जा रही है। ये मास्क कॉटन का है और इसे धोकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। जेलों में बंद महिला कैदियों से सबसे ज्यादा मास्क बनवाने का कार्य कराया जा रहा है।

 

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प्रदेश की जेलों में बनाए जा रहे मास्क

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जेल मुख्यालय की ओर से जारी निर्देश के बाद पिछले 5 दिनों से प्रदेश की 11 सेंट्रल जेलों में कॉटन के मास्क बनाने का काम किया जा रहा है। जेलों में बन रहे मास्क की डिमांड भी अब तक बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। सबसे पहले प्रदेश की सभी जेलों और यहां कार्यरत कर्मचारियों को इन मास्क की सप्लाई की गई। लेकिन अब कैदियों द्वारा बनाए जा रहे मास्क की डिमांड बढ़ने लगी है प्रदेशभर से इनमास्कों की आवश्यक्ता बढ़ने के कारण सेंट्रल जेलों के अलावा छोटी जेलों में महिलाओं और पुरुषों से मास्क बनवाने का काम लिया जा रहा है।

 

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अच्छी क्वालिटी का होने के कारण बढ़ी डिमांड

अच्छी क्वॉलिटी होने की वजह से इन वॉशेबल मास्क की डिमांड दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। एमपी पुलिस के अलावा बटालियन और पुलिस की दूसरी इकाइयों को भी यहीं से माक्स सप्लाई किए जा रहे हैं। इसके अलावा प्राइवेट अस्पताल समेत अन्य सरकारी विभागों में भी इन मास्कों की बहुत तेजी से सप्लाई हो रही है। जिला कोर्ट और बार एसोसिएशन के अलावा भी कई जगहों पर माक्स दिये जा रहे हैं। बाजार में मास्क का शार्टेज होने के कारण यहां एक मास्क की कीमत 20 से 500 रूपये तक वसूली जा रही है। ऐसे में महज 10 रूपये में मिल रहे वॉशेबल मास्क को लोग अधिक पसंद कर रहे हैं। इसलिए प्राइवेट सेक्टर से भी इसकी डिमांड आ रही है। जेलों के पास एडवांस में आर्डर है और उसकी पूर्ति करने के लिए कैदी अधिक समय तक काम कर रहे हैं।

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