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महिला संगीत नहीं होगा, शादी में व्यंजन भी कम बनेंगे

locationभोपालPublished: Oct 04, 2018 02:10:18 am

Submitted by:

Bharat pandey

जैन समाज की पहल : समाज के बाहर विवाह पर नहीं होंगे सामाजिक समारोह

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भोपाल। शादियों और आशीर्वाद समारोह में खाना व्यर्थ न जाए, फिजूल खर्च और आडंबर रोकने के लिए जैन समाज अब शादियों में ज्यादा व्यंजन नहीं बनाएगा। समाज के संगठन ने विवाह के आशीर्वाद समारोह में केवल 21 प्रकार के व्यंजन परोसने का निर्णय लिया है। साथ ही शादियों में महिला संगीत पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

यह निर्णय बुधवार को लालघाटी में जैन मंदिर में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में शहर के सभी 60 मंदिरों की समिति अध्यक्ष मौजूद रहे। भोपाल पंचायत कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद हिमांशु ने बताया कि सामाजिक रीति-रिवाजों की मधुरता को बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि देखने में आ रहा था कि कई समारोहों में स्टॉल की संख्या 100 तक पहुंच रही थीं जो कि फिजूल खर्ची है।

महिला संगीत का बिगड़ गया स्वरूप
सामूहिक क्षमावाणी कार्यक्रम के संयोजक मनोज प्रधान ने बताया कि आजकल शादियों में महिला संगीत का प्रचलन बहुत बढ़ गया है, लेकिन अब इसका स्वरूप पूरी तरह बदल गया है जो हमारी संस्कृति से मेल नहीं खाता। ऐसे में शादियों में महिला संगीत को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। यही नहीं शादियों में रात्रि आयोजन भी पूर्णत: प्रतिबंधित होंगे।

पांच लोग ही देंगे सामूहिक श्रद्धांजलि
बैठक में मृत्युभोज और उठावने को लेकर भी चर्चा की गई। जैन समाज के प्रवक्ता अंशुल जैन के मुताबिक तेरहवीं के सामूहिक मृत्युभोज को भी बंद किया गया है। उन्होंने बताया कि यह पूरी तरह से फिजूलखर्च है । हालांकि परिवार अपने परिवार और रिश्तेदारों को तेरहवीं का भोजन करा सकता है। यही नहीं उठावने के दौरान श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भी परिवर्तन किया गया है। अब उठावने के दौरान सिर्फ पांच व्यक्तियों द्वारा ही सामूहिक श्रद्धांजलि दी जाएगी।

जो पैसा बचे, उसे समाजसेवा में लगाएं
बैठक में कहा गया कि विवाह समारोह में समाज के इस नियम का पालन कर हम लोगों को सलाह दे रहे हैं कि वे इससे जो पैसा बचता है, उसे समाजसेवा में लगाएं।

यह भी हुए निर्णय
– वैवाहिक कार्यक्रमों में स्नेह भोज का रात्रि आयोजन बंद
– स्नेह भोज सिर्फ 21 व्यंजनों तक ही सीमित हो
– शादी समारोह में महिला संगीत अन्य रात्रि आयोजन पूर्णत: बंद
– मृत्यु के बाद रिश्तेदारों के अलावा मृत्यु भोज बंद
– देवदर्शन के दौरान पांच व्यक्तियों द्वारा सामूहिक श्रद्धांजलि
– समाज के इतर बेटे-बेटियों के विवाह पर सामाजिक समारोह आयोजित न हों
– मांगलिक कार्यक्रमों में किन्नरों की हठधर्मिता पर प्रतिबंध, न्यौछावर राशि का निश्चितता
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