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प्रशासन ने सुध नहीं ली तो लोगों ने मिलकर सहेजना शुरू किए कब्रिस्तान

locationभोपालPublished: Dec 05, 2018 01:56:12 am

Submitted by:

Bharat pandey

जमीयत उलेमा की पहल: अब तक छह कब्रिस्तानों से कब्जे हटाकर बनाई बाउंड्रीवॉल

Jameet Ulema's Initiative

Jameet Ulema’s Initiative

भोपाल। शहर में बढ़ती आबादी के चलते अब मरने के बाद दफन होने की जगह भी सिकुड़ती जा रही है। हालात ये हैं कि राजधानी के कई कब्रिस्तानों का जहां नामोनिशान नहीं बचा वहीं अधिकांश के आसपास अवैध कब्जे हो गए हैं। इस अतिक्रमण को हटाकर इन्हें सहेजने के लिए लिए जमीअत उलेमा ने पहल शुरू की है। शहर के करीब छह कब्रिस्तानों को जमीयत पदाधिकारियों ने अतिक्रमण मुक्त कराया हैं। वहीं कुछ कब्रिस्तानों में अभी काम चल रहा है।

जानकारी के मुताबिक पहले राजधानी में 181 कब्रिस्तान थे। शहर बढऩे के साथ इनमें से अधिकांश खत्म हो गए। हालात ये हैं कि अब सिर्फ 22 ही कब्रिस्तान बचे हैं। इन्हें बचाने के लिए वक्फ बोर्ड और नगर निगम की जिम्मेदारी होती है, लेकिन इनकी अनदेखी से जमीयत उलेमा के पदाधिकारियों ने इन्हें बचाने का बीड़ा उठाया है। जमीयत उलेमा के इमरान हारून ने बताया कि समिति पदाधिकारियों और स्थाई लोगों की मदद से हलालपुरा कब्रिस्तान, बुर्राखेड़ा बैरागढ़ कब्रिस्तान, गांधी नगर में काम किया। वर्तमान में कोलार स्थित गेहूंखेड़ा में काम किया जा रहा है।

वक्फ बोर्ड ने नहीं बनाई समिति
कब्रिस्तानों की सुरक्षा के लिए वक्फ बोर्ड ने स्थानीय लोगों की समिति गठित नहीं की इस कारण काम में रुकावट आ रही। इमरान ने बताया कि कई लोग इसके लिए तैयार हैं, लेकिन बोर्ड में मामले लंबित हैं। इससे भी दिक्कत आ रही है। समिति पदाधिकारी लोगों के साथ मिलकर अपने स्तर पर काम में जुटे हुए हैं।

मकबरे का करेंगे संरक्षण
भोपाल टॉकीज स्थित नवाब सिद्दीक हसन के मकबरे के आसपास साफ-सफाई के बाद अब इसका जीर्णोद्धार का काम भी जमीयत उलेमा करेगा। जमीयत के इमरान हारून ने बताया कि इस मामले में नगर निगम ने अब तक कोई ध्यान नहीं दिया। इसी के चलते ये निर्णय लिया गया है।

कब्रिस्तानों में बोर्ड भी नहीं
यू तो कब्रिस्तानों की संख्या घटती जा रही है, दूसरी ओर जो बचे हुए कब्रिस्तान है उनमें से भी अधिकांश में बोर्ड नहीं है। इस कारण पता ही नहीं चल पाता कि यह कब्रिस्तान है। इसके लिए अब जमीअत उलेमा संस्था ने कब्रिस्तानों में बोर्ड लगाने की भी पहल की है। इसके लिए शहर के तमाम कब्रिस्तानों में बोर्ड लगाए जाएंगे।

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