वहीं अब मोदी सरकार द्वारा केंद्र में पूर्ण बहुमत प्राप्त करने के बाद एक बार फिर मप्र की कांग्रेस सरकार Congress MP Govt. को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
इसी बीच एक निर्दलीय विधायक ने बड़ा बयान देते हुए राजनीति को गरमा दिया है। दरअसल निर्दलीय विधायक शेरा ने कहा है कि जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है, जनता यदि हमसे कहेगी तो हम भी इन्हें नमस्ते कर देंगे।
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ऐसे समझें मामला…
दरअसल पिछले दिनों आए एग्जिट पोल से उत्साहित नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव Gopal Bhargava ने प्रदेश की राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर कहा कि था कि नई सरकार को आए 6 माह का समय हो चुका है, इस दौरान प्रदेश में अनेक ज्वलंत व तात्कालिक महत्व की समस्याएं उत्पन्न हो गई है।
साथ ही भाजपा ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग भी की, पत्र में कहा गया कि प्रदेश में कमलनाथ KamalNath के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार Congress Govt. को बहुमत साबित करने के लिए कहा जाए।
इसके बाद जहां लोकसभा के चुनाव परिणाम भी भाजपा के पक्ष में आए, वहीं मध्यप्रदेश सरकार को लेकर मुद्दा लगातार गरम होता गया।
अब जो सूत्रों के अनुसार खबर आ रही है उसके अनुसार जहां भाजपा कांग्रेस सरकार को हराने के लिए संपर्क में रहे कांग्रेसी विधायकों को वापस जोड़ रही है।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार को सुरक्षित रखने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी के चलते पिछले दिनों सीएम कमलनाथ ने एक बयान के द्वारा बताया भी था कि किस तरह से भाजपा BJP Planning उनके 10 विधायकों को अपनी ओर लाने का प्रयास कर रही थी।
वहीं सूत्रों का ये भी कहना है कि भाजपा दोबारा चुनाव नहीं चाहती है। लेकिन वह कांग्रेस को सत्ता से बेदखल भी करना चाहती है। वहीं इसके तहत सूत्रों से सामने आ रही जानकारी के अनुसार भाजपा किसी दूसरी स्थिति पर विचार कर रही है।
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वहीं मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार को लेकर कई जानकार ये मानते हैं कि इसे गिराना भाजपा के लिए इतना भी आसान नहीं होने वाला जितना प्रचारित किया जा रहा है।
इसका सीधा सा कारण ये है कि 229 विधायकों वाले इस सदन में बहुमत के लिए 115 सदस्य चाहिए। जिनमें से 114 पहले ही कांग्रेस के हैं। जबकि एक निर्दलीय वारासिवनी विधायक प्रदीप जायसवाल पहले से ही सरकार में मंत्री पद पर हैं। ऐसे में बहुमत का जादुई आंकड़ा सीधे तौर पर कांग्रेस के पास है।
लेकिन वहीं कुछ जानकारों का मानना है कि एक ही आखिरी मौका Bjp have last chance to make goverment in MP या यूं कहे स्थिति बनती है जब न तो दोबारा चुनाव होंगे और न ही कांग्रेस सरकार रहेगी। राजनीति के जानकार डीके शर्मा के अनुसार ऐसी स्थिति तब ही पैदा होती है जब तकरीबन 10 कांग्रेसी विधायक बहुमत परिक्षण के दौरान सदन से गायब रहे।
ऐसा इसलिए कि यदि वे विधायक सीधे भाजपा को ज्वाइंन करते हैं और संख्या से कम रहते हैं तो दल बदल की प्रक्रिया में आ जाएंगे तो वे बात फंस जाएगी।
वहीं यदि वे बहुमत परीक्षण के समय अनुपस्थित रहते हैं तो वे शून्य हो जाएंगे। ऐसे में अन्य सभी निर्दलीय व छोटे दलों के सहयोग से सरकार गिराई जा सकती है। जबकि इसके बाद दूसरे सबसे बड़े दल को मौका मिलने पर भी ये विधायक जब सदन से नदारद रहेंगे तो भाजपा आसानी से अपना बहुमत सिद्ध कर देगी। और फिर अन्य प्रोसेस के तहत या तो इन 10 विधायकोें को जो अनुपस्थित रहे थे, किसी आश्वासन के द्वारा अपने साथ मिला सकती है!
इससे बचने के संबंध में भी शर्मा का कहना है कि यदि ऐसा है तो ऐसी स्थिति में कांग्रेस को अपने हर विधायक को पूरे भरोसे में लेकर हर कदम चलना होगा। साथ ही भाजपा की चालों पर नजर रखते हुए एकता के साथ मिलकर पार्टी को मजबूती प्रदान करनी होगी।