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जीका की चपेट में एक तिहाई शहर, सैंपलिंग और छिडक़ाव तक ही सीमित प्रशासन

locationभोपालPublished: Nov 12, 2018 07:22:47 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

राजधानी के 26 वार्डों में मिल चुके संदिग्ध मरीज, आईएएस की बेटी को भी जीका की हुई पुष्टि

भोपाल। राजधानी में जीका के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। शनिवार को जीका के 24 नए मरीज मिले, वहीं रविवार को इतने ही संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई। महज दस दिन में ही जीका के मरीजों की संख्या बढक़र 31 तक पहुंच गई है, यही नहीं वायरस ने चार मरीजों की जान भी ले ली। इधर चार इमली क्षेत्र में एक आईएएस अधिकारी की बेटी को भी जीका की पुष्टि हुई है। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग बीमारी के रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने के बजाय सर्वेक्षण और बैठकों में ही मशरूफ है।

city in grip of jika

चार इमली क्षेत्र से शुरू हुए जीका बुखार ने अब शहर के एक तिहाई हिस्से को चपेट में ले लिया है। शहर में 26 वार्डों से जीका के संदिग्ध सामने आ चुके हैं। रविवार को भी दो दर्जन संदिग्धों की पहचान की गई, जिसमें से आधे चार इमली क्षेत्र से हैं। इसके अलावा होशंगाबाद रोड, कोलार और अवधपुरी में भी जीका के संदिग्ध मरीज मिल चुके हैं। रविवार को विभाग की आपात बैठक बुलाई गई, इसमें अधिकारियों को सघन जांच अभियान चलाने को कहा गया।

चार इमली क्षेत्र में ही दे रहे ज्यादा ध्यान
एक तिहाई हिस्से में जीका का प्रभाव होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग का फोकस चार इमली के क्षेत्र में ही ज्यादा जोर दिया जा रहा है। यहां स्वास्थ्य विभाग 50 से ज्यादा टीम काम कर रही है। वहीं बाकी टीम अन्य क्षेत्रों में लार्वा सर्वे पर लगी हुई है।

सैंपलिंग और छिडक़ाव तक ही सीमित प्रशासन
जीका का प्रभाव रोकने मलेरिया कर्मचारी लार्वा सर्वे कर रहे हैं। घरों में मिल रहे एडीज मच्छरों और उनके लार्वा को नष्ट किया जा रहा है। एक संदिग्ध मिलने पर उसके आसपास के पचास घरों में लार्वा सर्वे किया जा रहा है। सभी प्रभावित क्षेत्रों में लगातार टेमीफ ोस के छिडक़ाव किया जा रहा है।

पर्चे बांट आगाह कर रहा स्वास्थ्य विभाग
स्वास्थ्य विभाग ने जीका के प्रति जागरूक करने के लिए अब पर्चों का सहारा लिया है। सैंपलिंग करने जा रहे टीम के सदस्य लोगों को जीका क्या है, इससे कैसे बचें की जानकारी लिखे पर्चे भी बांट रहे हैं।

13भर्ती, दो गंभीर
एम्स और हमीदिया अस्पताल सहित कुछ निजी अस्पतालों में जीका से पीडि़त 13 मरीज भर्ती हैं। दो की स्थिति गंभीर है। यही नहीं इनमें पांच गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बुखार या वायरस से पीडि़त गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

 

कहां कितने मरीज
चार इमली 16
अवधपुरी 3
कोलार 2
एम्स के पास 1
शिवाजी नगर 2
कोटरा 4
अन्य 3

यहां इतना सर्वे
6012 घरों में सर्वे
246 घरों में लार्वा मिला
38467 कंटेेनर चैक किए
269 कंटेनर में लार्वा मिला
136 टीम ने सर्वे किया

एक्सपर्ट कमेंट : मच्छरों से बचें, जीका नहीं करेगा परेशान
जीका भी एडीज मच्छरों से फैलता है। हालांकि यह डेंगू और चिकनगुनिया की तरह असरकारक नहीं होता। जीका से किसी की मृत्यु नहीें होती हालांकि यह बात सही है कि इससे विकृति हो सकती है,लेकिन मप्र में जो वायरस है वो विकृति भी नहीं करता। इससे बचने का सबसे आसान तरीका है मच्छरों से बचाव।

अगर यह मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काट लेता है, जिसके खून में वायरस मौजूद है, तो यह किसी अन्य को काटकर वायरस फैला सकता है। मच्छरों के अलावा असुरक्षित शारीरिक संबंध और संक्रमित खून से भी जीका बुखार या वायरस फैलता है। जीका के आम लक्षण डेंगू बुखार की ही तरह होते हैं। – डॉ. अजय बरोनिया, संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य विभाग

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