पूर्व मुख्यमंत्री ने पं. जवाहरलाल नेहरू को अपराधी बताने वाले बयान को दोहराते हुए कहा है कि उनसे अपराध हुआ था। अब शिवराज के इस बयान पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या बीजेपी में अब व्यक्ति पूजा शुरु हो गई है और आखिर 13 साल तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह को क्या किसी व्यक्ति विशेष की पूजा करना चाहिए। खैर वजह जो हो शिवराज का ये ह्रदय परिवर्तन कांग्रेस को रास नहीं आया। और नेहरु को अपराधी कहने का बदला शिवराज को चापलूस कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया।
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘शिवराज मोदी-शाह के चरण धोकर भी पिएं तो हमें कोई आपत्ति नहीं हैं।’ पटवारी ने आगे लिखा है कि ‘शिवराज जी आप अपनी साख खत्म होने के डर से मोदी-शाह की पूजा तो क्या उनके पैर धोकर पानी पियो तो भी हमें कतई आपत्ति नहीं”…वो यहीं नहीं रुके…आगे लिखा….’जवाहरलाल नेहरू पर टिप्पणी आपके मानसिक दिवालियापन को दर्शा रहा है। भाजपा में अपना अस्तित्व बचाने के लिए मोदी-शाह की चापलूसी में मशगूल शिवराज जी मध्यप्रदेश की मर्यादा का भी ख्याल रखें।’
अब जाहिर सी बात है कि शिवराज सिंह को चापलूस कहते ही सियासत गर्मा गई और पूर्व मंत्री रामपाल सिंह ने जीतू को मंत्री पद की गरिमा का ख्याल रखने की नसीहत दी है, साथ ही सोनिया और कमलनाथ के पैर धोकर चरणामृत पीने की बात कही है। वहीं इस मुद्दे पर प्रदेश राकेश सिंह ने कहा कि दिन ब दिन कांग्रेस के नेताओं का स्तर नीचे गिरता जा रहा है, ये बताता है कि उनके यहां सबकुछ ठीक नहीं है।
कुल मिलाकर पूरी सियासत बयानबाजी में उलझकर रह गई है और राजनीतिक मर्यादाओं को तार-तार किया जा रहा है। शिवराज जैसी शख्सियत व्यक्ति पूजा की बात करें तो सहज नहीं रहा जा सकता और इस पर बयानों का सिलसिला। देखना यही है कि राजनीति का ये पतन और कौन-कौन सी नई उंचाईयां छूता है।