इंदौर में होटल से लेकर अखबार चलाने वाले जीतू सोनी फिलहाल पुलिस और सरकार के निशाने पर हैं। उन पर अपने होटल में अवैध बार चलाने के साथ बारगर्ल रखने का आरोप लगा है। पुलिस अब तक जीतू सोनी और उनके परिवार के लोगों पर 24 मामले दर्ज कर चुकी है। उसके होटल और मकान को तोड़ा जा चुका है।
निशाने पर एसपी और एएसपी
फिलहाल पुलिस मुख्यालय ने एडीजी वरुण कपूर को हटाकर वहां का अतिरिक्त प्रभार एडीजी मिलिंद कानिस्कर को दिया है। कहा जा रहा है कि पुलिस को पुख्ता जानकारी मिली थी कि वरुण कपूर लगातार जीतू सोनी की पैरवी कर रहे थे और उनके संपर्क में भी थे। इतना ही नहीं, पुलिस की कार्रवाई भी लगातार प्रभावित हो रही थी। लेकिन सवाल अब यह उठ रहा है कि एडीजी के बाद गाज किस पर गिरेगी, क्योंकि पलासिया थाने के टीआई को भी साथ में हटा दिया गया है। सूत्रों का दावा है कि एक एसपी और एक एएसपी पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है। कहा जा रहा है कि हनीट्रैप कांड का डाटा पहुंचाने में इन लोगों की भूमिका तलाशी जा रही है।
आखिर किसने दी पुलिस सुरक्षा
जो पुलिस आज जीतू सोनी को माफिया के तौर पर तलाश रही है, वह यह बताने से बच रही है कि आखिर जीतू सोनी को पुलिस सुरक्षा किसने मुहैया कराई थी। भाजपा की सरकार में उसे सुरक्षा मिली थी, लेकिन बाद में वापस ले ली गई। लेकिन कांग्रेस की सरकार बनने के बाद एक बार फिर वरुण कपूर के समय में उसे सुरक्षा वापस दी गई। फिलहाल सरकार के भीतर बैठे लोग इस कनेक्शन को भी जांचने में जुटे हुए हैं।