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job fraud : हाई प्रोफाइल ठग खुद को बताता था अस्पताल का सीएमडी, पत्नियों पर खर्च करता था लाखों रुपए

locationभोपालPublished: Oct 20, 2019 12:49:04 am

Submitted by:

Radhyshyam dangi

एम्स में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले दिलशाद के बारे में चौंकाने वाला खुलासा
 

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भोपाल. अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में स्टाफ नर्स की भर्ती के नाम पर आदिवासी क्षेत्र की नर्सिंग की डिग्री करने वाली लड़कियों के साथ ठगी करने वाले दिलशाद को लेकर नए खुलासे हुए हैं। घूमने-फिरने का शौकीन दिलशाद हाई प्रोफाइल स्टेटस मेंटेन करता था। ठगी की रकम से वह अपनी पांचों पत्नियों को हर महीने 50-50 हजार रुपए खर्चे के लिए देता था। एसटीएफ की पूछताछ में पता चला है कि दिलशाद खुद पर 1.50 लाख रुपए खर्च करता था। यही नहीं दिलशाद की जबलपुर निवासी पत्नी फराह खान बीएएमएस डॉक्टर हैं और उसका आधारताल, जबलपुर में खिदमत नर्सिंग होम है। दिलशाद भी इस अस्पताल का खुद को सीएमडी बताकर बेरोजगार आदिवासी युवतियों के सामने रौब दिखाता था। एसटीएफ की पड़ताल में यह भी सामने आया है कि डॉ. फराह खान, अस्पताल की आड़ में अलग-अलग जिलों में संचालित नर्सिंग कॉलेजों में फाइनल ईयर में पढऩे वाली लड़कियों की जानकारी कॉलेजों से लेकर दिलशाद को ग्राहक के तौर पर उपलब्ध करवाती थी।


बायोडाटा-अंक सूचियां जब्त
दिलशाद की पिपलिया पैंदे खां, भोपाल निवासी एक पत्नी के घर से एसटीएफ को सैकड़ों लड़कियों के बायोडाटा, अंकसूचियां, नौकरी के लिए भरे गए फॉर्म, एम्स के फर्जी लेटरहेड, फोटो सहित अन्य अहम दस्तावेज मिले हैं। दिलशाद ने यह सब दस्तावेज पड़ोसी का मकान किराए पर लेकर उसमें छिपा रखे थे। लड़कियों को वह यह तक कहता था कि एम्स परिसर के बगल में ही उसका घर है और वह खुद एम्स में पदस्थ है। दिलशाद की अंग्रेजी बोलने की क्षमता अच्छी होने के कारण ग्रामीण और दूर-दराज की लड़कियां उसके झांसे में आ जाती थीं।

दो साल से कर रहा फर्जीवाड़ा
छानबीन में यह भी पता चला है कि दिलशाद 2 साल से यही काम कर रहा था, लेकिन पिछले 8 महीने से वह पूरी तरह इसी काम में लग गया। लड़कियों से ठगी गई रकम में से 25-30 लाख रुपए का निवेश खुद के अस्पताल में किया है। एसटीएफ ने अब दिलशाद और उसके साथी आलोक कुमार बामने की पत्नी से पूछताछ की तैयारी कर ली हैं। एसटीएफ का मानना है कि नौकरी के नाम पर काम करने वाले इस गिरोह में दोनों की पत्नियां भी शामिल हैं। इन सभी के बैंक खातों की भी जानकारी ली जा रही है। दोनों आरोपियों के बैंक खाते सीज कर दिए हैं। एसटीएफ को अब इनके दो अन्य साथी धर्मेंद्र उर्फ धर्मानंद और डॉ. आलोक कुमार की तलाश हैं।

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