बायोडाटा-अंक सूचियां जब्त
दिलशाद की पिपलिया पैंदे खां, भोपाल निवासी एक पत्नी के घर से एसटीएफ को सैकड़ों लड़कियों के बायोडाटा, अंकसूचियां, नौकरी के लिए भरे गए फॉर्म, एम्स के फर्जी लेटरहेड, फोटो सहित अन्य अहम दस्तावेज मिले हैं। दिलशाद ने यह सब दस्तावेज पड़ोसी का मकान किराए पर लेकर उसमें छिपा रखे थे। लड़कियों को वह यह तक कहता था कि एम्स परिसर के बगल में ही उसका घर है और वह खुद एम्स में पदस्थ है। दिलशाद की अंग्रेजी बोलने की क्षमता अच्छी होने के कारण ग्रामीण और दूर-दराज की लड़कियां उसके झांसे में आ जाती थीं।
दो साल से कर रहा फर्जीवाड़ा
छानबीन में यह भी पता चला है कि दिलशाद 2 साल से यही काम कर रहा था, लेकिन पिछले 8 महीने से वह पूरी तरह इसी काम में लग गया। लड़कियों से ठगी गई रकम में से 25-30 लाख रुपए का निवेश खुद के अस्पताल में किया है। एसटीएफ ने अब दिलशाद और उसके साथी आलोक कुमार बामने की पत्नी से पूछताछ की तैयारी कर ली हैं। एसटीएफ का मानना है कि नौकरी के नाम पर काम करने वाले इस गिरोह में दोनों की पत्नियां भी शामिल हैं। इन सभी के बैंक खातों की भी जानकारी ली जा रही है। दोनों आरोपियों के बैंक खाते सीज कर दिए हैं। एसटीएफ को अब इनके दो अन्य साथी धर्मेंद्र उर्फ धर्मानंद और डॉ. आलोक कुमार की तलाश हैं।