कर्मचारियों को उम्मीद है कि प्रबंधन इस बार 30 से 35 हजार रुपए का बोनस देगी, जोकि पिछले साल की तुलना में दोगुना होगा। प्रबंधन द्वारा घोषित बोनस राशि जुलाई के वेतन के साथ दिया जाएगा। भेल में केवल कर्मचारियों और सुपरवाइजरों को ही बोनस मिलता है। अधिकारियों को नहीं दिया जाता है। तारीख तय नहीं होने के कारण कर्मचारियों को पीपीपी बोनस के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है।
बोनस में देरी को लेकर कर्मियों में नाराजगी
मुनाफे पर आधारित हर साल पीपीपी बोनस दिए जाने में देर किया जाता है, जबकि भेल कंपनी के सारे ऑडिट समय पर किए जा चुके है। बैठक में हर साल हो रही देरी को लेकर कर्मचारियों में नाराजगी है।
बीएमएस को भी किया जाएगा बैठक में शामिल
पिछली बैठक में बीएमएस यूनियन के प्रतिनिधि को शामिल नहीं किया गया था। जिस पर यूनियन प्रतिनिधियों ने सीएमडी अतुल सोबती और सेंट्रल लेंबर कमीशन में इसकी शिकायत कराई थी। यूनियन के उपाध्यक्ष सत्येन्द्र कुमार के मुताबिक सीएमडी ने भरोसा दिलाया है कि उनके प्रतिनिधि को भी बैठक में शामिल किया जाएगा। इसके लिए बैठक को फिर से रिव्यू कराया जाएगा।
साल में दो बार मिलता है कर्मचारियों को बोनस
हर साल भेलकर्मियों को दो बोनस मिलता है। जून में पीपीपी और नंवबर में दीवाली पर कर्मचारियों को बोनस दिया जाता है। हालांकि पांच साल से भेल मुनाफे में कमी से बोनस की राशि घटी है। फिर भी कर्मियों के लिए ये राशि राहत भरी होती है। तो दूसरी ओर व्यापारियों को भी इसका इंतजार रहता है। भेल व्यापारी महासंघ के महामंत्री मदन बालानी ने बताया कि भेल के बोनस से बाजार को भी राहत मिलती है।
विनोदानंद झा, प्रवक्ता, भेल