अनुशासन में काम करना पसंद नहीं आया
उन्होंने बताया कि वे 34 सालों से इस संस्थान में है। मैंने कभी अपने सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया। हमेशा अनुशासन में रही और अनुशासन से ही लोगों से काम कराया। शायद यही बात लोगों को पसंद नहीं आई। मैंने हमेशा से ही मरीज हित के साथ संस्थान के लिए काम किया है।
शासन, प्रशासन ने नहीं दिखाई तत्परता
मामले को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले को इतना बढ़ाने में शासन और प्रशासन की उदासीनता ही सबसे बड़ी वजह रही। उनका मानना है कि बीते तीन दिनों में विभाग प्रमुख के साथ मंत्री या कोई अन्य अधिकारी छात्रों से बात करने नहीं पहुंचा। इससे जूनियर डॉक्टरों का गुस्सा बढ़ गया और हड़ताल इतनी लंबी चली। गौरतलब है कि बीते शनिवार को तड़के गल्र्स हॉस्टल में असामाजिक तत्व घुस आया था। उसने एमबीबीएस स्टूडेंट के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की थी। तभी से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं।