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जानिये किस वजह से पैदा होते है जुड़वा बच्चे, जवाब सुनकर हैरान हो जाएंगे आप..

locationभोपालPublished: Sep 16, 2018 03:31:30 pm

Submitted by:

Ashtha Awasthi

जानिये किस वजह से पैदा होते है जुड़वा बच्चे, जवाब सुनकर हैरान हो जाएंगे आप..

Twins Baby

Twins Baby

भोपाल। बीते दिनों पहले ही भगवान के समान दर्जा प्राप्त डॉक्टरों की असंवेदनशीलता का एक मामला मध्यप्रदेश में सामने आया था। मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ के जिला अस्पताल में एक एचआईवी पीड़ित गर्भवती महिला को डॉक्टरों ने लेबर रूम से बाहर कर दिया। गर्भवती महिला ने अस्पताल के बाहर ही दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था , जिन बच्चों ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। डिलीवरी के लिए अस्पताल आई महिला का जब ब्लड टेस्ट किया तो उसमें एचआईवी की पुष्टि होने के बाद जो कुछ हुआ वो मानवता को शर्मसार करने वाला था। डॉक्टरों ने महिला को लेबर रूम से बाहर कर दिया। महिला ने बाहर ही जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। उसके बाद भी अस्पताल में से किसी ने बच्चों की देखभाल नहीं की, जिसके कारण बच्चों की मौत हो गई। ऐसे और भी कई मामले सामने आए हैं। लेकिन अगर बात करें जुड़वा बच्चों की तो क्या आप जानते हैं कि किस वजह से कोई भी स्त्री जुड़वा बच्चों को जन्म देती है। जुड़वा बच्चों के होने पर महिलाओं की जिम्मदारी और भी बढ़ जाती है। जानिए कैसे होते है जुड़वा बच्चे….

Twins Baby

ऐसे बनते हैं जुड़वा बच्चे

जुड़वा बच्चे दो तरह के होते हैं— एक-दूसरे से अलग दिखने वाले या मैनोज़ाइगॉटिक या बिल्कुल एक से दिखने वाले जुड़वा या डायज़ाइगॉटिक। मैनोज़ाइगॉटिक जुड़वा बच्चों का निर्माण तब होता है जब एक एग से किसी स्पर्म द्वारा फर्टिलाइज़ किया जाता है, लेकिन दो एम्ब्रीओ निर्माण होता है। इस तरह जन्म लेने वाले जुड़वा बच्चों की आनुवांशिक संरचना एक ही होती है। जबकि डायज़ाइगॉटिक जुड़वा बच्चे तब बनते हैं जब दो अलग स्पर्म्स दो एग्स को फर्टिलाइज करते हैं और दो अलग दिखनेवाले बच्चे पैदा होते हैं। ऐसे बच्चों की आनुवांशिक संरचना अलग होती है।

होता है अनुवाशिंकी असर

अगर आपके परिवार में पहले भी जुड़वा बच्चे पैदा हो चुके हैं, तो काफी सम्भावना है कि आपको भी जुड़वा बच्चे हों। यह आनुवांशिक प्रवृतियों की वजह से होता है। यही नहीं, अगर आप भी अपने भाई या बहन की जुड़वा हैं तो जुड़वा बच्चों की मां बनने की आपकी सम्भावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। हालांकि, ऐसा माना जाता है कि ऐसी सम्भावनाएं माता और उसके परिवार पर आधारित होती हैं, पिता के नहीं।

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ऐसी महिलाओं में होती है अधिक संभावना

एक स्टडी के अनुसार, ऐसी महिलाएं जिनका बीएमआई 30 या उससे अधिक हो उनमें जुड़वा बच्चों को जन्म देने की सम्भावना अधिक होती है। हालांकि, ऐसी स्थिति में केवल फ्रैटर्नल एक से दिखने वाले जुड़वा बच्चे होते हैं। साथ ही, ऐसी भी जानकारी मिलती रही है कि ऊंची महिलाएं भी जुड़वा बच्चों को अधिक जन्म देती हैं। जहां यह बात प्रचलित है कि उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं के लिए गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है। कुछ स्टडीज़ में ऐसा पाया गया है कि उम्र बढ़ने के साथ आपको जुड़वा बच्चे होने की सम्भावना बढ़ जाती है। दरअसल जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन के निर्माण में भी कमी आती है, जो एग ओवरीज़ को ओव्यलैशन के लिए रीलिज़ करने में एक अहम भूमिका निभाता है। तो जैसे-जैसे रीलिज़ होनेवाले एग की संख्या बढ़ने लगती है, वैसे जुड़वा बच्चों के लिए गर्भधारण करने की सम्भावना बढ़ जाती है।

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ये होते है शुरूआती लक्षण

1- भूख लगना

जुड़वां गर्भावस्था के लक्षणों में से सबसे बड़ा लक्षण यह है कि आपको हमेशा भूख लगेगी। जुड़वां गर्भावस्था में महिला को सामान्य गर्भावस्था में महिला की तुलना में अधिक खाने की जरूरत महसूस होती है। यदि आप भी जुड़वा बच्चों के साथ गर्भवती हैं तो आपको भी लगातार भूख लगेगी।

2- ब्लीडिंग और स्पोटिंग

एक महिला जो जुड़वा बच्चों के साथ गर्भवती है उसको स्पोटिंग और ब्लीडिंग होने की संभावना अधिक होती है। अगर आप गुलाबी और भूरे रंग के धब्बे नोटिस करते है तो यह अत्यंत सामान्य बात है। यदि आपके ब्लीडिंग हो रही है और साथ में बुखार और लाल खून के धब्बे नहीं है तो डरने की कोई बात नही हैं।

3- मॉर्निग सिक्नेस

जुड़वा बच्चों के साथ गर्भवती महिला के प्रारंभिक लक्षण में मॉर्निग सिक्नेस बहुत ज्यादा होती है। पचास प्रतिशत से अधिक महिलाएं अपनी गर्भावस्था के प्रारंभिक चरण में ही मतली और जी मिचलाना का अनुभव शुरू कर देती हैं। महिला जिनके जुड़वा बच्चे होने वाले है अन्य गर्भवती महिलाओं की तुलना में मॉर्निग सिक्नेस का अनुभव अधिक करती है।

4- वजन बढ़ना

जुड़वां गर्भावस्था में वजन सामान्य गर्भावस्था की तुलना में अधिक होता है क्योंकि आपके दो बच्चे, दो प्लासन्टा और अधिक एमनियोटिक द्रव के साथ होते है। एक औसत गर्भावस्था में सामान्य वजन 25 पाउंड होता है जबकि जुड़वां गर्भावस्था में यह 30 से 35 पाउंड के बीच हो सकता हैं।

5- दो दिल

बच्चे के दिल की धड़कन पहली बार सुनना हर माता पिता के लिए सबसे यादगार अनुभव होता है। बच्चे के जन्म से पहले आप डॉपलर प्रणाली के माध्यम से अपने बच्चे के दिल की धड़कन सुन सकते हैं। गर्भावस्था के नौवें सप्ताह से जुड़वा बच्चों के दिल की धड़कन अलग-अलग से सुनी जा सकती है। हालांकि, यह इतना आसान नहीं है क्योंकि इनकी पहचान को कभी-कभी अलग नहीं किया जा सकता है।

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