ज्योतिरादित्य सिंधिया 13 फरवरी को मध्यप्रदेश दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने कमलनाथ सरकार पर हमला बोला था। सिंधिया ने इस दौरान कमलनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा- अगर मेनिफेस्टो का एक भी वादा अधूरा रहा तो मैं खुद सड़कों पर उतरूंगा। टीकमगढ़ की एक सभा में कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव सिंधिया ने गेस्ट शिक्षकों को नियमित करने को लेकर कहा, ”मैंने चुनाव से पहले आप की आवाज उठाई थी और यह विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग हमारी सरकार के मेनिफेस्टो में अंकित है। वो मेनिफेस्टो हमारे लिये ग्रंथ है। अगर मेनिफेस्टो का एक भी अंक पूरा नहीं हुआ तो आप सड़क पर अपने को अकेला ना समझना मैं आपके साथ रहूंगा। सिंधिया की बयानबाजी पर कमलनाथ ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।
हाल में ही घोषित हुई थी कमेटी
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में मध्यप्रदेश की सत्ता और संगठन की बीच समन्वय के लिए एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी में ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम कमलनाथ भी शामिल हैं। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित इस समिति में सात लोगों को जगह मिली थी। दीपक बाबरिया इसके अध्यक्ष हैं। इनके अलावा सीएम कमलनाथ, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरुण यादव, मंत्री जीतू पटवारी और मीनाक्षी नटराजन। ये सभी लोग सरकार और संगठन में कोऑर्डिनेशन का काम देखेंगे।
पहली बैठक थी
सत्ता और संगठन की बीच समन्वय के लिए बनाई गई कमेटी की पहली बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई थी।
सत्ता और संगठन की बीच समन्वय के लिए बनाई गई कमेटी की पहली बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई थी।